कहते हैं जीवन का सच्चा सबक इंसान को अनुभव से आता है और यह बात साबित कर रहे हैं, 10वीं पास नर्सरी किंग ‘मधुकर गवली’। नासिक के मधुकर ने भले ही ज्यादा पढ़ाई नहीं की है लेकिन अपनी मेहनत और सिखने की लगन से आज वह नई तकनीक के साथ, एक मॉर्डन नर्सरी चला रहे हैं। आज अपने बिज़नेस से न सिर्फ सैकड़ों लोगों को रोजगार दे रहे हैं बल्कि करोड़ों का टर्नओवर भी कमा रहे हैं। एक गरीब किसान के बेटे मधुकर ने यह कामयाबी सिर्फ और सिर्फ अपने जज़्बे के दम पर पाई है।
मधुकर जब अपने पिताजी के साथ खेती करते थे तब वह चाहते थे कि खेती के साथ कुछ और भी किया जाए। कुछ बड़ा करने का सपना तो था लेकिन साधन ज्यादा नहीं थे। उनके पिता के पास जमीन भी ज्यादा नहीं थी। शुरूआत में उन्होंने नासिक के अंगूरों से किशमिश बनाने का काम शुरू किया। लेकिन किशमिश बनाने के लिए अंगूर सिर्फ चार महीने ही मिल पाते थे, ऐसे में मधुकर को पता चला कि आस-पास के किसान, खुद पौधे तैयार करने में अपना बहुत समय बर्बाद कर देते हैं। इसी समस्या से उन्हें बिज़नेस का एक बेहतरीन आईडिया मिल गया। और उन्होंने बिना देर किए महज 2 गुंठे(0.05 Acre) जगह में शुरू कर दी ‘ओम गायत्री नर्सरी’
अब 200 लोगों को दे रहे रोजगार
जिसमें वह पौधे के सैपलिंग बनाकर किसान भाइयों को पहुंचाने का काम करने लगे। इसके साथ-साथ वह किसान भाइयों में भी जागरूकता भी फ़ैलाने लगे कि जब भी वे नर्सरी से पौधे खरीदते हैं तो उनका टाइम कितना बचता है और उनको अच्छे पौधे मिलते हैं। इतना ही नहीं उन्होंने खुद भी देश-विदेश की अलग-अलग नर्सरी से संपर्क करके उनसे ट्रेनिंग लेना शुरू किया। साल 2008 के उस दौर में वह किसानों के लिए देसी-विदेशी सब्जियों की कई किस्में तैयार करने लगे। और इसी वजह से वह पूरे नासिक में मशहूर हो गए।
इस तरह कड़ी मेहनत के दम पर समय के साथ वह न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि चार और राज्यों के किसानों तक पौधे पहुंचाने लगे। आज उनकी नर्सरी में सालभर 200 से 250 लोग काम करते हैं। इतना ही नहीं पिछले साल उन्होंने 20 करोड़ का टर्नओवर भी कमाया है।
मधुकर मानते हैं कि पूरी लगन से मेहनत की जाए तो छोटी सी शुरुआत भी बड़ा बिज़नेस बन सकती है। फिर चाहे वह खेती हो या पशुपालन।
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