आज इला केक, कुकीज, चॉकलेट्स, ग्लूटेन फ्री ब्रेड, डेसर्ट, आर्टिसनल ब्रेड जैसे बेकरी प्रोडक्ट की 40 से अधिक किस्में समेत अन्य स्वादिष्ट आइटम जैसे पैटी, स्टफ्ड बन्स, पिज्जा और गिफ्ट हैम्पर की पूरे एनसीआर में डिलीवरी करती हैं।
2012 में कंप्यूटर साइंस में एमटेक करने वाली वल्लरी इस वक्त ट्रैक्टर से अपने खेत जोतने से लेकर फसलों की पैदावार, उनकी मार्केटिंग, पैकेजिंग तक का काम अपनी देख-रेख में करती हैं।
यह बीना की ही मेहनत है, जिस कारण अब मशरुम की खेती उनके 105 पड़ोसी गाँवों में भी मशहूर हो गई है। इन इलाकों से बीना ने करीब 10,000 ग्रामीण महिलाओं को ट्रेनिंग दी है।
यह कहानी है महज 3 महीने में अपने माँ-पिता से अलग हुई और 8 साल की उम्र में भाई बहनों की ज़िम्मेदारी निभाने वाली माया बोहरा की, जिन्होंने अपनी शिक्षा के लिए अपनों से ही बगावत की और आज वह लोगों के मानसिक स्वास्थ्य के लिए काम कर रही हैं।
कोरोना वायरस के वैश्विक संकट के बीच लॉकडाउन के दौरान जहाँ कई युवाओं का रोजगार छिना तो वहीं बबिता ने लॉकडाउन के दौरान भी मटर, भिंडी, शिमला मिर्च, बैंगन, गोबी सहित विभिन्न सब्जियों का उत्पादन कर आत्मनिर्भर मॉडल को हकीकत में उतारा।
लॉ के कोर्स में दाखिला लेने के बाद विदुषी ने जाना कि भारत के संविधान में ऐसे बहुत से कानून हैं जो महिलाओं की सुरक्षा के लिए बनाये गए हैं लेकिन ज़मीनी स्तर पर महिलाओं को इस बारे में कोई जानकारी नहीं है।