एक सफल उद्यमी शिल्पा कहती हैं,"मैंने अपने बेटे का वित्तीय भविष्य सुरक्षित कर लिया है।” उन्हें अक्सर प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थानों द्वारा अपनी ज़िंदगी की प्रेरणादायक कहानी साझा करने और बिजनेस मैनेजमेंट पर बात करने के लिए आमंत्रित भी किया जाता है।
चार बच्चों की माँ, 57 वर्षीय छायारानी साहू कहती हैं, "सैकड़ों लोग हर रोज अपनी जान गंवा रहे हैं मैं अपने काम से लोगों की मदद कर सकती हूं। मौत का डर मुझे परेशान नहीं करता है।” #CoronaWarriors #Respect
पहले ग्रामीण महिलाओं के सवाल होते थे, 'कोई और काम नहीं है क्या? यह तो मर्दों का काम है? पैंट-शर्ट कैसे पहनेंगे, आप साड़ी दे दो?' लेकिन आज यही महिलाएं अपनी यूनिफॉर्म पहनने में गर्व महसूस करतीं हैं!
नमक सत्याग्रह के दौरान गिरफ्तार किए गए लोग जब जेल से बाहर निकले तो बिल्कुल बेसहारा हो गए थे। न खाने को खाना, न रहने को छत, ऐसे में, उमाबाई ने इन सेनानियों को अपने घर में आश्रय दिया!