कभी मज़दूरी करने वाली गोरखपुर की कोइला देवी आज एक सफल महिला किसान बन चुकी हैं। बाक़ी किसानों को खेती की बारीकियां समझती हैं और अन्य महिलाओं की भी मदद कर रही हैं।
गांव की आम महिला पहले 'साइकिल चाची' बनी फिर 'किसान चाची' (Kisan Chachi) और तय किया पद्म श्री तक का सफर। मुजफ्फरपुर के सरैया की रहनेवाली राजकुमारी देवी आज कई महिला किसानों के लिए प्रेरणा हैं।
गैंगटॉक (सिक्किम) की दिली माया भट्टाराई को जैविक खेती और बेहतरीन मार्केटिंग प्रणाली के लिए, राज्य के "प्रगतिशील किसान पुरस्कार 2021" से सम्मानित किया गया है। जबकि आठ साल पहले तक वह रसायन वाली खेती ही किया करती थीं।
51 की उम्र में नवसारी की लक्ष्मी पटेल ने अपनी जमीन खरीदी और शुरू की आम और चावल की खेती। आज वह ऑर्गेनिक तरीकों का उपयोग करके अपने खेतों से लाखों का मुनाफा कमा रही हैं। पढ़ें उनकी सफलता की कहानी।
भोपाल, मध्य प्रदेश की रहने वाली एक सफल महिला किसान, प्रतिभा तिवारी ने, न सिर्फ किसानों को जैविक खेती से जोड़ा, बल्कि उनकी उपज खरीदकर अपनी फ़ूड कंपनी 'भूमिशा ऑर्गेनिक्स' की भी नींव रखी, जिससे वह लाखों कमा रही हैं।
केरल में एर्नाकुलम जिले के एक गाँव की रहने वाली 46 वर्षीया सुलफत मोइद्दीन अपने घर की छत पर अलग-अलग तरीकों से जैविक खेती कर रही हैं और इस उपज से वह प्रतिमाह 20 हजार रुपए तक की कमाई कर लेती हैं।
विट्टलपुर, उत्तर-प्रदेश की रहने वाली सफल महिला किसान, कनक लता, टमाटर की दो किस्म- दुर्ग और आर्यमन की खेती कर रहीं हैं, जो अब स्थानीय लोगों के साथ-साथ विदेशों तक भी पहुँच रहे हैं।
महाराष्ट्र के नासिक में रहने वाली सविता लभडे, पति की मौत के बाद क़र्ज़ में डूबी हुईं थीं। हिम्मत न हारते हुए उन्होंने खेती की और अपना मसालों का बिज़नेस भी शुरू किया। आज वह 'साधना जनरल स्टोर' की मालकिन हैं।