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Water management

3 वर्ष, 16 गाँव और करोड़ों लीटर जल संरक्षण, पढ़िए एक IRS की प्रेरक कहानी!

IRS डॉ. उज्ज्वल चव्हाण ने अपने गाँव में एक किसान की आत्महत्या से आहत हो, इसे जलसंकट से उबारने का फैसला किया। उनकी कोशिश की वजह से आज 16 गाँव के 30 हजार से अधिक किसानों को लाभ मिल रहा है।

झारखंड के 8000+ किसानों के ‘जल संकटमोचक’ बने एक पत्रकार, जानिए कैसे

झारखंड के खूंटी में भीषण जल संकट को देखते हुए सेवा वेलफेयर सोसाइटी के संस्थापक अजय शर्मा “बोरी बाँध” के विचार के साथ आए। इससे 70 गाँवों के 8000 किसानों के लिए निर्बाध पानी की व्यवस्था सुनिश्चित हुई।

आंध्र प्रदेश: इंजीनियरिंग के छात्र ने बनाया ऐसा विंड टरबाइन, जिससे मिल सकता है बिजली-पानी

आंध्र प्रदेश के अनंतपुर जिले में रहने वाले मधु वज्रकरुर इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग के छात्र हैं और उनके यहाँ बिजली और स्वच्छ पेयजल की कोई खास सुविधा नहीं है। इस भीषण संकट का सामना करने के लिए उन्होंने एक ऐसा विंड टरबाइन बनाया है, जो बिजली और पीने योग्य पानी उत्पन्न कर सकता है।

तेलंगाना के IAS का कमाल, 3 वर्षों में 6 मीटर बढ़ाया जलस्तर, समाधान पाठ्यक्रम में हुआ शामिल

तेलगांना के आईएएस देवरकोंडा कृष्ण भास्कर, साल 2016 में नवगठित राजन्ना सिरसिल्ला जिला के पहले जिलाधिकारी थे और उनके प्रयासों से क्षेत्र में जलस्तर को 6 मीटर तक बढ़ाने में सफलता मिली।

UP: SDM ने 43 हेक्टेयर के झील को दिया नया जीवन, कोई सरकारी पैसा नहीं हुआ खर्च, जानिए कैसे!

उत्तर प्रदेश के रामस्नेही घाट में 43 हेक्टेयर के विशाल क्षेत्र में सराही झील है। कभी यह झील कई पक्षियों का बसेरा हुआ करता था, लेकिन पिछले कुछ समय से रखरखाव के अभाव में इसकी स्थिति काफी बदहाल थी। लेकिन, फरवरी, 2019 में यहाँ के नए एसडीएम के तौर पर राजीव शुक्ला की तैनाती हुई और कुछ ही महीने में उन्होंने इसका कायापलट कर दिया।

'झाबुआ का गाँधी': जल, जंगल, ज़मीन के लिए शुरू किया जन-अभियान, 600 से ज्यादा गांवों की बदली तस्वीर!

By निशा डागर

साल 2007 में महेश शर्मा ने शिवगंगा संगठन की नींव रखी थी, जिसका उद्देश्य है, 'विकास का जतन!' जल और जंगल के संरक्षण के साथ-साथ यह संगठन यहाँ युवाओं को उद्यमिता का कौशल भी सिखा रहा है!

मिलिए 'सूखे बोरवेल के डॉक्टर' अयप्पा मसगी से, 50 लाख लोगों को मिली है मदद!

By निशा डागर

"मैं बचपन में 3 किमी दूर से माँ के साथ जाकर पानी लाता था और यही सोचता था कि कैसे यह परेशानी खत्म होगी। फिर मेरी माँ चक्की पिसती तो गाती थी कि उनका बेटा सब ठीक कर देगा। बस वहीं से मेरे मन में यह बात रच-बस गई कि मुझे पानी के लिए काम करना है।"

गाँव के लोगों ने श्रमदान से बनाए तालाब, 6 गांवों में खत्म हुई पानी की किल्लत!

By निशा डागर

इन गांवों में हर परिवार के पास अब अपना तालाब है और अब उन्हें न तो घरेलू इस्तेमाल के लिए और न ही सिंचाई के लिए परेशान होना पड़ता है!

‘जल-योद्धा’ के प्रयासों से पुनर्जीवित हुई नदी, 450 तालाब और सैकड़ों गांवों की हुई मदद!

By निशा डागर

सालों के अथक प्रयास के बाद, रमन कांत उत्तर-प्रदेश की काली नदी के उद्गम को पुनर्जीवित करने में सफल रहे हैं। 598 किमी तक बहने वाली इस नदी के किनारे 1200 गाँव और कस्बे बसे हुए हैं!

रिटायर्ड पुलिस अफसर ने 500+ किसानों को जोड़ा जैविक खेती से!

By निशा डागर

रिटायरमेंट के बाद मनोहरण ने जैविक खेती को लक्ष्य बनाकर दूसरे किसानों को ट्रेनिंग देना शुरू किया। उनके फार्म में 70 से ज्यादा तरह के पेड़ हैं, और वह खुद जैविक खाद और हर्बल पेस्टीसाइड बनाते हैं। साथ ही वह अपने संगठन के जरिए कई किसानों को रासायनिक खेती से निजात दिला रहें हैं।