बुरहानपुर के आदिवासी बाहुल्य झांझर गांव में करीब दस साल पहले तक रूढ़िवादी सोच के चलते बेटियां पांचवीं क्लास से आगे नहीं पढ़ पाती थीं। लेकिन एक महिला ने अकेले दम पर इस आदिवासी समाज में शिक्षा की लौ जला दी है। कमलाबाई ने इन हालातों को बदलने का बीड़ा उठाया और आज गांव की 50 से ज़्यादा बेटियां स्कूल और कॉलेज तक में पढ़ाई कर रही हैं।
महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (MKSP) से जुड़कर, झारखंड के पिछड़े गांवों की महिलाएं आत्मनिर्भर बन चुकी हैं। लाख की वैज्ञानिक खेती (lac farming) को अपनाकर कमा रही हैं, 50 हजार से एक लाख रुपये तक का सालाना मुनाफा।