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सिर्फ हॉबी नहीं बिज़नेस भी बन सकती है बचपन में सीखी कला, 57 वर्षीया निष्ठा से लें प्रेरणा

nishtha turned hobby into business

मिलिए 57 वर्षीया निष्ठा सूरी से, जिन्होंने 55 की उम्र में जीवन की एक नई पारी की शुरुआत की और अपनी हॉबी को अपना बिज़नेस बना लिया। पढ़ें, उनके हैंडमेड होम डेकॉर बिज़नेस के बारे में।

फरीदाबाद की रहनेवाली निष्ठा सूरी, बचपन में अपनी माँ से छुपकर अलग-अलग तरह के क्राफ्ट सीखा करती थीं। कला के प्रति अपने लगाव के कारण उन्होंने कई तरह की हैंडीक्राफ्ट चीज़ें बनाना सीखा। उस समय उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि उनका शौक़ और बचपन का वह ज्ञान, एक दिन उनका हैंडीक्राफ्ट बिजनेस और उनकी पहचान बन जाएगा। वह भी उम्र के उस पड़ाव में, जब लोग रिटायर होने की प्लानिंग करते हैं।

वह आज घर से ही ‘Nishtha’s Handmade’ नाम से एक बिज़नेस चला रही हैं और हैंडमेड ज्वेलरी और होम डेकॉर चीज़ें बनाकर बेच रही हैं। निष्ठा अपनी बेटी के साथ मिलकर यह काम करती हैं और क्रोशिया से बनी ज्वेलरी, जूट या सूती रस्सियों से मैक्रमे के कई सजावटी चीज़ें बनाती हैं। 

ऐसा नहीं है कि निष्ठा को पैसों की कोई किल्लत थी या उन्हें काम की तलाश थी। इससे पहले भी वह एक अच्छे स्कूल में टीचर के तौर पर काम कर रही थीं। उन्हें तो बिज़नेस का कोई आईडिया भी नहीं था, ऐसे में उनकी बेटी ने ही उन्हें अपने हुनर का इस्तेमाल करने की सलाह दी, जिससे वह बिना टेंशन के काम कर सकती हैं और एक्टिव भी रह सकती हैं।

हाउसवाइफ से बिज़नेसवुमन तक

Nishtha suri with her handicraft products
Nishtha Suri

द बेटर इंडिया से बात करते हुए निष्ठा बताती हैं, “काम तो मैं पहले भी करती थी, लेकिन अब मैं ज़्यादा खुश रहती हूँ। भले मैं अभी पहले जैसे पैसे न कमा रही हूँ, लेकिन जब अपने नाम का ब्रांड बना देखती हूँ और लोगों से अपने काम की तारीफ सुनती हूँ, तो मुझे बेहद ख़ुशी मिलती है।”

दरअसल, शादी के बाद निष्ठा एक हाउसवाइफ ही थीं, लेकिन जीवन की एक दुर्घटना के कारण वह काफी निराश हो गई थीं और तब उन्होंने स्कूल में पढ़ाना शुरू किया था, ताकि वह जीवन के बुरे पलों को भुला सकें। 

वहीं, आज सालों बाद अपने पसंद के काम को हैंडीक्राफ्ट बिजनेस बनाकर वह और भी खुश हो गई हैं। यही कारण है कि वह अपने हर एक प्रोडक्ट को बड़े प्यार से तैयार करती हैं। हालांकि, इस उम्र में स्वास्थ्य से जुड़ी कई दिक्कतें भी होती हैं, लेकिन काम करते समय वह थकान और नींद सब कुछ भूल जाती हैं।  

बेटी ने माँ को दिखाई हैंडीक्राफ्ट बिजनेस की राह 

Handicraft Business by Nistha suri
Handicraft Business by Nistha suri

निष्ठा का परिवार यूं तो दिल्ली से ही है, लेकिन काम के सिलसिले में उनके पिता का ट्रांसफर देश के अलग-अलग शहरों में होता रहता था। वह बताती हैं कि उनकी माँ को पसंद नहीं था कि वह पढ़ाई छोड़कर आर्ट और क्राफ्ट में रुचि लें। इसलिए वह अपने पिता से क्रोशिया और मैक्रमे की डिज़ाइन की किताबें मंगवाकर चीज़ें बनाती रहती थीं।  

लेकिन स्कूल में नौकरी लगने के बाद, ये सारे काम बिल्कुल कम हो गए। वह कहती हैं, “घर के काम, बच्चों की ज़िम्मेदारी और स्कूल की नौकरी में वक़्त ही नहीं मिलता था कि अपने शौक़ को समय दे सकूँ। कभी-कभी घर के लिए कुछ छोटी-छोटी चीज़ें बना लिया करती थी। उस दौर में मुझे अंदाजा भी नहीं था कि इसे काम में भी बदला जा सकता है, वरना मैंने कब का यह काम शुरू कर लिया होता।”

हालांकि, निष्ठा के इस शौक़ को उनकी बेटी साक्षी बखूबी जानती थीं। सही मायनों में देखा जाए, तो उन्होंने ही अपनी माँ को इस काम को शुरू करने की प्रेरणा और हिम्मत दी। 

एक सोशल मीडिया पोस्ट से मिलने लगे ऑर्डर्स

साल 2018 में साक्षी ने निष्ठा की बनाई एक हैंडमेड ज्वेलरी को सोशल मीडिया पेज पर पोस्ट किया, जिसके बाद कई लोगों ने उस प्रोडक्ट को पसंद किया और कुछ ही समय में दक्षिण भारत की एक महिला ने इस पोस्ट से उन्हें 50 इयररिंग्स बनाने का बल्क ऑर्डर दिया। 

निष्ठा उस दौरान, स्कूल में पढ़ाती थीं। बावजूद इसके, उन्होंने बड़ी मेहनत के साथ काम करके समय पर उस ऑर्डर को पूरा किया। उस पहले ऑर्डर के बाद भी उन्हें नहीं लगा था कि यह कोई बिज़नेस बन सकता है। लेकिन उनकी बेटी ने सोशल मीडिया पर अपनी माँ की बनाई हैंडमेड चीज़ें पोस्ट करना जारी रखा। 

धीरे-धीरे एक दो छोटे-छोटे ऑर्डर्स मिलते रहे, जिसके बाद निष्ठा ने करीबन डेढ़ साल पहले टीचर की नौकरी छोड़ दी और पूरा समय इसी हैंडीक्राफ्ट बिजनेस में लगाने लगीं।

निष्ठा कहती हैं, “कई लोग मुझे कहते हैं कि इस उम्र में इतना बड़ा रिस्क लेना बहुत बड़ी बात है। लेकिन मुझे लोगों की पसंद की चीज़ें बनाना बहुत अच्छा लगता था।” उन्होंने लोगों के लिए कई तरह के कस्टमाइज़्ड स्कार्फ़, कैप और जैकेट्स जैसी चीज़ें बनाना शुरू किया।  

बच्चों को पढ़ाई के साथ, किसी कला में भी ज़रूर माहिर होना चाहिए 

Turned hobby into business at the age of  55
Turned Businesswoman at 55

डेढ़ साल पहले निष्ठा ने अपनी कंपनी भी रजिस्टर करवाई। इन डेढ़ सालों में उन्होंने 300 से ज़्यादा ऑर्डर्स पूरे कर लिए हैं। हाल ही में उन्हें कनाडा से भी ऑर्डर मिला है। इस बिज़नेस को अभी निष्ठा और साक्षी खुद ही मिलकर चलाते हैं।  

निष्ठा हमेशा से मानती हैं कि हर किसी को अपने पसंद का काम ज़रूर करना चाहिए। वह कहती हैं, “जब मैं स्कूल में पढ़ाती थी, तब भी मैं बच्चों के माता-पिता को समझाती थी कि अगर आपका बच्चा पढ़ाई में ज़्यादा अच्छा नहीं, तो उसे कोई हुनर सिखाएं। आज कई बच्चे अपने हुनर से जुड़ा काम कर रहे हैं और काफी खुश हैं।”

निष्ठा ने अब तक 100 से ज़्यादा लड़कियों को ऑनलाइन मैक्रमे आर्ट सिखाया है। साथ ही हर महीने पांच से छह लड़कियां उनके पास क्रोशिया सीखने भी आती हैं। उन्होंने कोरोना के समय अपनी बेटी से ऑनलाइन क्लासेज़ करवाना सीखा था, जो आज उनके हैंडीक्राफ्ट बिजनेस में काम आ रहा है। इस उम्र में भी वह बिना थके आठ घंटे काम करती हैं और बड़ी खुश हैं कि वह अपने पसंद का काम कर रही हैं।  

अंत में वह कहती हैं कि कई महिलाएं मेरी ही तरह मात्र हॉबी के लिए कई चीजें सीखती हैं, लेकिन अगर जज़्बा और परिवार का साथ हो, तो किसी भी हॉबी को बिज़नेस में बदला जा सकता है। 

आप निष्ठा के बिज़नेस के बारे में ज़्यादा जानने के लिए या उनसे हैंडमेड प्रोडक्ट्स खरीदने के लिए यहां क्लिक करें। 

संपादन – अर्चना दुबे

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