कोयम्बटूर (तमिलनाडु) की 23 वर्षीया राधिका जेए को हड्डियों की एक दुर्लभ बीमारी है, जिस वजह से वह ज़्यादा बाहर आ-जा नहीं सकतीं। लेकिन अपने हुनर के दम पर अब वह घर बैठे, महीने के 8-10 हज़ार रुपये कमा लेती हैं।
छिंदवाड़ा (मध्यप्रदेश) के पातालकोट निवासी, सुकनसी भारती ने अपनी आर्थिक स्थिति में सुधार लाने और पर्यावरण को बचाने के उदेश्य से, पत्तों से कटोरी (दौना) बनाना सीखा। आज वह, आस-पास के गावों और होटलों में अपने दौने बेच रहे हैं।
31 वर्षीय बकुल खेतकडे एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उन्होंने अपनी IT नौकरी से ब्रेक लिया और शौक के लिए Mandala Art बनाना सीखा। आज उनकी वही कला, उनका काम बन चुकी है, जिसे वह बड़ी ख़ुशी से कर रही हैं।
केरल के तिरुवनंतपुरम में रहने वाली प्रिया रविकृष्णनन, अपने बिज़नेस 'स्वस्ति' के जरिए 18 सामग्रियों से तैयार 'मल्टीग्रेन हेल्दी मिक्स पाउडर' बेचती हैं, जिससे उन्हें लाखों की कमाई हो रही है।
लॉकडाउन के दौरान मजदूरों का दर्द देख, मध्य प्रदेश के गोविंदपुरा गाँव में, पाँच साथियों ने “धरती के लाल” नाम से एक कंपनी को शुरू किया। इसके तहत, वे मसालों का बिजनेस करते हैं और उनका इरादा गाँव के सभी 300 घरों को रोजगार देना है।