किराना से लेकर फलवाले तक सभी के लिए प्रवीण, सम्मुख और सत्यम् ने देश का पहला स्मार्ट कैलकुलेटर बनाया है, जो दुकानदारों के समय और पैसे दोनों बचाता है, क्योंकि यह हिसाब करने के साथ-साथ उनका डाटा सेव भी करता है।
गुजरात के बनासकांठा के रहने वाले धवल और जयेश नाई ने गांव में रहकर एक ऐसी अनोखी मशीन बनाई, जो चाय की टपरी पर एक साथ 15 ग्लास साफ कर सकती है। उनका आविष्कार शार्क टैंक इंडिया के मंच के ज़रिए आज देश भर में छा गया है।
हैदराबाद के छोटे से गाँव की रहनेवालीं एम. बिंदुप्रिया बीबीए की छात्रा हैं, लेकिन उनके बारे में ख़ास बात यह है कि पढ़ाई के साथ-साथ वह अपने पिता की नाई की दुकान अकेले संभालती हैं। इस काम को करते हुए उन्हें लोगों के विरोध और ताने भी झेलने पड़ते हैं। लेकिन उनकी प्राथमिकता एक ही है, अपना परिवार चलाना।
राजकोट की निशा हुसैन ने, परिवार के विरोध के बावजूद, ‘द चायलैंड’ शुरू किया था। आज उनका चाय बनाने का शौक ही, उनकी पहचान बन गया है, जिससे वह हर महीने हजारों रुपये कमा रही हैं।
दिल्ली में पली-बढ़ी, श्री सिस्टर्स- तरु श्री, अक्षया श्री और ध्वनि श्री, साथ मिलकर 'Silpakarman' नामक ब्रांड चला रही हैं, जिसके अंतर्गत वह बांस के बने मग, कप, फ्लास्क, डेकॉर और फर्नीचर आदि के साथ अब Bamboo Tea भी बना रही हैं।
मुंबई की रुक्मिणी ने 2018 में अपने फ़ूड स्टार्टअप ‘द ग्रोइंग जिराफ़’ की शुरुआत बच्चों के पोषण को ध्यान में रख कर की थी। आज, उनके बनाये रागी, पीनट बटर जैसे सुपर फूड से बनी कुकीज़ और बार, बच्चों के साथ-साथ, बड़ो की भी पसंद बन चुके हैं।
लंदन से मास्टर डिग्री लेने वाली मुदिता आसपास डायबिटीज के मरीज़ों को देखकर परेशान थीं। इसलिए उन्होंने सोचा कि वह काले चावल को पूर्वोत्तर से बाहर दूसरे राज्यों के बाजारों में उपलब्ध करा सकतीं हैं।