गुजरात के एक छोटे से गांव में रहने वाले दो भाई, धवल और जयेश नाई के पास गांव में ज्यादा संसाधन तो नहीं थे, लेकिन उनके अंदर कुछ करने का जज़्बा भरपूर था। धवल को जहां मशीनें बनाने का शौक़ था, तो वहीं जयेश के पास बिज़नेस माइंड था। दोनों ने मिलकर, गांव में रहते हुए एक कमाल का इनोवेशन किया है।
उन्होंने चाय के जूठे ग्लास धोने के लिए बढ़िया ऑटोमेटिक मशीन बना दी। ‘महानतम’ नाम की उनकी मशीन एक बार में 15 चाय के ग्लास को धोती है और चाय की टपरी पर हाईजीन की दिक्कत का एक बढ़िया समाधान देती है।
अपनी इस बेहतरीन मशीन को सिर्फ गांव तक रखने के बजाय, देश भर में पहचान दिलाने के लिए उन्होंने इसे शार्क टैंक इंडिया जैसे बड़े मंच पर लाने की ठानी और करके भी दिखाया।
शार्क टैंक के मंच पर पहुंचना उनके लिए एक सपने से कम नहीं था। लेकिन अपने सपनों को पूरा करने के लिए उन्होंने जो हिम्मत और जज़्बा दिखाया, उसे सभी शार्क्स की तारीफें तो मिलीं ही, साथ ही सबसे फंडिंग भी मिल गई। उस एपिसोड में खुद शार्क अनुपम मित्तल ने कहा कि धवल और जयेश को देखकर अब देश के गांव में बैठा हर एक बच्चा आविष्कार करने की हिम्मत करेगा और उसे बिज़नेस में बदलने की भी।
कैसे आया इनोवेशन का आइडिया?
दरअसल, धवल जब पढ़ाई के दौरान टपरी पर चाय पीते थे, तब उन्होंने देखा कि प्लास्टिक के विकल्प के रूप में लोग कांच के ग्लास का इस्तेमाल तो करते हैं। लेकिन ग्लास धोने का तरीका सही नहीं था।
इस हाईजीन की दिक्कत के समाधान के लिए, उन्होंने गांव वापस आकर एक मशीन बनाने की ठानी। उन्होंने गांव में फर्नीचर की दुकान में जाकर मुफ्त में काम करना शुरू किया और फ्री समय में वहां अपनी मशीन के इनोवेशन में लग गए।
धवल ने इंटरनेट पर मशीन डिज़ाइन करना भी सीखा। कई बार फेल होने बाद भी उन्होंने हार नहीं मानी और कई महीनों की मेहनत के बाद एक कमाल की मशीन बनाई। उस मशीन को उन्होंने कुछ चाय के व्यापरियों को बेचा भी। लेकिन वे चाहते थे कि उनके इस आविष्कार को अच्छी फंडिंग मिले, ताकि वे बड़े स्तर पर काम कर सकें।
उन्होंने अनूपम मित्तल की ड्रीम डील इवेंट में भी भाग लिया और 75 हज़ार का फण्ड हासिल किया। यह उनके लिए बड़ी मदद थी, जिसके बाद उनकी मशीन का आधुनिक प्रोटोटाइप तैयार हो गया और फिर जब वे शार्क टैंक के मंच पर पहुचें, तो अपनी दमदार कहानी के दम पर सभी शार्क्स से फण्ड लेने में भी कामयाब रहे।
द बेटर इंडिया से बात करते हुए जयेश कहते हैं कि उन्हें बड़ी ख़ुशी है कि उनके कारण आज उनके गांव का नाम देश भर में मशहूर हो गया।
इस मशीन या इसके इनोवेशन बारे में ज़्यादा जानने के लिए, आप उन्हें 84694 34111 पर सम्पर्क कर सकते हैं।
संपादन- अर्चना दुबे
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