मिलिए दंतेवाड़ा, छत्तीसगढ़ के IAS अधिकारी विनीत नंदनवार से, जिन्होंने बस्तर जैसे नक्सली इलाके में रहते हुए IAS अधिकारी बनकर, न सिर्फ अपना भविष्य सुधारा बल्कि आज वह अपने जैसे कई नौजवानों के सपने साकार करने में मदद कर रहे हैं।
कोलकाता के नीलांजन चक्रवर्ती ने पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना क्षेत्र में पर्यटकों की मेजबानी के लिए एक ऐसा होमस्टे बनाया है जहाँ कोई भी शहर की भाग-दौड़ वाले ज़िंदगी को भूलकर, शांति और सुकून से समय बिता सकता है।
मिलिए, गुजरात के शंखेश्वर इलाके के धनोरा गांव में रहनेवाले बुजुर्ग दम्पति दिनेश चंद्र और देविंद्रा ठाकर से, जिन्होंने अपने रिटायरमेंट होम को बनाया कुदरत का घर।
ओडिशा के देबरीगढ़ अभ्यारण्य के पास बसे गांव ढोड्रोकुसुम में, पिछले एक साल से सभी ईको-फ्रेंडली जीवन जी रहे हैं ताकि जंगल के सभी वन्य प्राणी भी प्राकृतिक माहौल में जी सकें। यह सब मुमकिन हुआ यहां की DFO अंशु प्रज्ञान दास की पहल की वजह से।
गुरुग्राम की निधि दुआ अपनी सास रजनी दुआ के साथ मिलकर हर्बल हेयर ऑयल बिज़नेस चलाती हैं। इस काम के ज़रिए उन्होंने न सिर्फ अपनी नई पहचान बनाई है बल्कि देशभर की 5000 महिलाओं की मदद भी कर रही हैं।
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ की शोभा बढ़ातीं इमारतों और हवेलियों के बीच, एक घर ऐसा है जो मिट्टी का बना है और अपनी सुंदरता से आस-पास से गुज़रने वालों का ध्यान अपनी तरफ़ खींचता है। इसे देखकर किसी को भी लगेगा कि इस फार्महाउस को बनाने में सबसे महंगे और आधुनिक मटेरियल्स का इस्तेमाल किया गया होगा, लेकिन शून्य स्टूडियो की फाउंडर और आर्किटेक्ट श्रेया श्रीवास्तव कुछ और ही बताती हैं।
सिक्किम के दो भाई अभिमन्यु और अभिनन्दन ढकाल ने एक लुप्त होती फसल को बचाकर न सिर्फ अपने लिए एक अनोखा बिज़नेस खोजा, बल्कि 500 किसानों को आठ गुना मुनाफा कमाने का मौका भी दिया है।
गाजियाबाद में, NTPC की रिटायर अधिकारी नीरजा सक्सेना पिछले दो सालों से जरूरतमंद बच्चों के लिए फुटपाथ स्कूल चला रही हैं जहाँ पढ़ने की फीस है प्लास्टिक वेस्ट।
पेड़-पौधे, पशु-पक्षी, जड़ी-बूटी, जैविक भोजन, सोलर पैनल.. राजस्थान के सीकर शहर में एक किसान का बनाया यह सस्टेनेबल फार्मस्टे ‘जोर की ढाणी’ अपने मेहमानों को एक अलग ही अनुभव देता है।