बिजनौर में तैनात UP Police कॉन्सटेबल विकास कुमार घंटों ड्यूटी करने के बाद गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देते हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने पाठशाला खोली हैं। उनके इस नेक काम के लिए उन्हें डिपार्टमेंट से सम्मान भी मिल चुका है।
कभी मुंबई में एक मल्टीनेशनल कंपनी में काम करने वाले पवित्रा और रिनास आज खेतों में काम करते हैं और उन्हें यह मेहनत करने में मज़ा आ रहा है। सबसे अच्छी बात है कि आज वे एक हेल्दी लाइफस्टाइल जी रहे हैं।
कम निवेश और कम देखभाल में ज़्यादा मुनाफ़े के लिए मोती की खेती कर रहे अजमेर, रसूलपुरा गांव के 41 वर्षीय रज़ा मोहम्मद ने प्रयोग के तौर पर एक छोटी सी शुरुआत की थी, लेकिन आज वह इससे लाखों कमा रहे हैं।
फरीदाबाद के रहने वाले 81 साल के पंकज बंगा AIIMS सहित कई कैंसर हॉस्पिटल्स में जाकर मरीज़ों की मदद करते हैं। इस काम में उनकी बेटी प्रियंका बंगा भी उनका साथ दे रही हैं।
आपने अपराजिता के फूलों से बनी चाय या काढ़े के बारे में तो ज़रूर सुना होगा। लेकिन इन फूलों से बनी इडली देखी है? पढ़ें ज्योति कलबुर्गी की इस बेहतरीन रेसिपी के बारे में!
महाराष्ट्र के एक गरीब किसान की बेटी, ऐश्वर्या श्रीकृष्ण पवार ने कनाडा के अल्बर्टा यूनिवर्सिटी में एमएससी के लिए ऑनलाइन एप्लीकेशन दिया और पहले ही एटेम्पट में इंटरव्यू में सलेक्ट हो गईं।
कभी मज़दूरी करने वाली गोरखपुर की कोइला देवी आज एक सफल महिला किसान बन चुकी हैं। बाक़ी किसानों को खेती की बारीकियां समझती हैं और अन्य महिलाओं की भी मदद कर रही हैं।