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सस्टेनेबल और इको-फ्रेंडली अर्थ हाउस ‘ब्रीथ', नीव से लेकर दीवारों तक सबकुछ है प्राकृतिक

बेंगलुरु के बाहरी इलाके कागलीपुरा में 8,000 sq.ft ज़मीन पर बने इस घर का नाम है- ‘Breathe’. जैसा नाम वैसा ही काम; यह सस्टेनेबल घर अपने अनोखे डिज़ाइन के कारण आम घरों के मुकाबले काफ़ी खुला, हवादार और सुकून भरा है।

शहर से आकर बंजर ज़मीन पर बनाया मिट्टी का घर, उगा दिया फूड फॉरेस्ट

आंध्र प्रदेश के श्री सत्य साईं जिले में सालों से बंजर पड़ी 13,900 स्क्वायर फीट की ज़मीन को बेंगलुरु के पुष्पा और किशन कल्याणपुर ने अपने बच्चों के साथ मिलकर केवल 3 महीने की कड़ी मेहनत और कोशिशों से न केवल उपजाऊ बना दिया, बल्कि यहाँ बनाया है 'वृक्षावनम' नाम का एक विशाल और सुन्दर फ़ूड फॉरेस्ट भी, जो आज उनके सस्टेनेबल घर की पहचान बन चुका है।

पांच दोस्तों का बनाया ECG डिवाइस 'स्पंदन', अब तक बचा चुका है 3000 जानें

By प्रीति टौंक

साल 2016 में अपने एक दोस्त को हार्ट अटैक से खोने के बाद, देहरादून के रजत जैन ने अपने चार दोस्तों के साथ मिलकर 'स्पंदन' नाम का एक ऐसा डिवाइस तैयार किया, जो बिना हॉस्पिटल गए मिनटों में दिल का हाल बता देता है।

पढ़ाई के साथ सफल बिज़नेस भी! B.Tech पानीपूरी वाली बना रहीं स्ट्रीट फ़ूड को हेल्दी

By प्रीति टौंक

पानीपूरी खाते समय कैलोरी और हाइजिन की चिंता से परेशान होकर दिल्ली की तापसी उपाध्याय ने शुरू कर दिया खुद का पानीपूरी बिज़नेस। उनकी बिना तेल की बनी पूरी और मिनरल वॉटर से बना पानी लोगों को खूब पंसद आ रहा है।

एक युवक ने की पहल और सड़क पर रहनेवाले 300 बच्चों की बदली ज़िंदगी

By प्रीति टौंक

गोरखपुर के रत्नेश तिवारी आज खुद की एक कंपनी चलाने के साथ-साथ, ज़रूरतमंद बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी काम कर रहे हैं। वह अब तक 300 से ज़्यादा बच्चों को स्कूल तक पहुंचा चुके हैं।

एक चम्मच इतिहास 'दही वड़ा' का!

मुगलों और उनकी लाइफस्टाइल ने हमारे खान-पान पर गहरा असर छोड़ा। ऐसा माना जाता है कि 18वीं शताब्दी में मुगल खानसामों ने पाचन में सुधार के लिए दही, जड़ी-बूटियों और मसालों का इस्तेमाल करके मुगल रसोई में दही वड़े को तैयार किया था। लेकिन कहानियां और भी हैं.. आइए जानते हैं इस चटपटे व्यंजन का खट्टा-मीठा इतिहास।

सांप पकड़ने वाले 2 दोस्तों को मिला पद्म श्री सम्मान, तमिलनाडु के इरुला समुदाय का बढ़ा मान

By प्रीति टौंक

तमिल नाडु के दो स्नेक कैचर्स वडिवेल गोपाल और मासी सदाइयां को उनके सामाजिक कार्यों के लिए पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

दो दोस्तों ने जंगल के बीच बनाए मिट्टी के घर व ट्री हाउस, सस्टेनेबल ट्रैवल को दे रहे बढ़ावा

पगडंडी सफारीज़ के को-फाउंडर्स मानव खंडूजा और श्यामेंद्र सिंघारे ने प्रकृति से लगाव और प्यार के चलते साल 1986 में मध्य प्रदेश के पन्ना नेशनल पार्क में कुछ टेंट्स लगाकर इस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी और आज यह Pugdundee Safaris Camp एक या दो नहीं, बल्कि हरियाणा, मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र जैसी 7 अलग-अलग जगहों पर जगलों के बीचो बीच बने हैं।

30 मिनट में करता है 25 लोगों का खाना तैयार, शेर खान का आविष्कार

By प्रीति टौंक

उदयपुर, राजस्थान के शेर खान ने एक ऐसा 3-In-1 चूल्हा बनाया है, जिसमें 25 लोगों का खाना महज़ 30 मिनट में बन जाता है। इसमें लकड़ियां भी कम लगती हैं और धुआं भी नहीं होता।

88 की उम्र में पद्मा दादी चलाती हैं हैंडीक्राफ्ट बिज़नेस, विदेश तक पहुँचा रहीं प्रोडक्ट्स

By प्रीति टौंक

88 साल की पद्मा परीख को खाली बैठना नहीं पसंद, तभी तो इस उम्र में भी वह एक से बढ़कर एक हैंडीक्राफ्ट बनाकर, विदेशों तक ऑनलाइन बेच रही हैं।