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हरियाली का अनोखा मिशन चला रहे हैं प्रदीप, रिटायरमेंट के बाद लगाए 60 हजार पौधे

By प्रीति टौंक

ओडिशा के प्रदीप कुमार रथ ने रिटायर होने के बाद अपना पूरा जीवन पर्यावरण को समर्पित करने का फैसला किया है। 'परिवेश सुरक्षा अभियान' के ज़रिए उन्होंने गांवों की महिलाओं और बच्चों की मदद से 60,000 से अधिक पौधे लगाए हैं।

लोगों ने जिन्हें कहा भंगारवाली, प्लास्टिक बोतलें इकट्ठा कर उन्होंने बना डाला ईको-फ्रेंडली घर

जो प्लास्टिक की बोतलें हमें अकसर कचरे के ढेर में पड़ी नज़र आती हैं और सदियों तक पर्यावरण को नुकसान पहुंचाती हैं.. औरंगाबाद की दो सहेलियों नमिता कपाले और कल्याणी भारम्बे ने वही हज़ारों प्लास्टिक की बोतलें इकट्ठाकर उनसे एक ईको-फ्रेंडली घर बनाया है; जो हर मायने में सस्टेनेबल है।

पैर खोया मगर हौसला नहीं! चाय बिज़नेस से नेहा ने बनाई अपनी पहचान

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद की नेहा भट्ट ने एक हादसे में अपने दोनों पैर खो दिए लेकिन हार मानने के बजाय उन्होंने अपने आप को नई पहचान दिलाने का फैसला किया। जानिए कैसे आज वह आत्मनिर्भर बनकर पूरे शहर में मशहूर हो गई हैं।

कचरे से कटलरी बनाकर यह कॉलेज ड्रॉपआउट कर रहा लाखों की कमाई

By प्रीति टौंक

केले के पत्ते, इमली के बीज, भूसी और मूंगफली के छिलकों से बायोडिग्रेडेबल कटलरी बनाकर कोयम्बटूर के कल्याण कुमार अच्छी कमाई करने के साथ पर्यावरण भी बचा रहे हैं।

93 साल की दादी ने कतरन से 35000 थैलियां बनाकर मुफ्त में बाँट दी

By प्रीति टौंक

हैदराबाद की 93 वर्षीया मधुकान्ता भट्ट ने न सिर्फ़ बेकार कपड़ों से 35000 थैलियां बनाईं बल्कि लोगों में उन्हें मुफ्त बांटा ताकि प्लास्टिक से होने वाले नुकसान से पर्यावरण को बचाया जा सके।

इंसान ही नहीं, पक्षियों का आशियाना भी है नोएडा में स्थित यह घर

पीपल के एक बड़े और पुराने पेड़ के पास बसा है 7000 sqft में बना ‘अश्वत्थ'.. इसी वृक्ष से घर को अपना यह नाम भी मिला है। दिल्ली की आर्किटेक्चरल कंपनी Archiopteryx ने सदियों पुरानी पारम्परिक तकनीक से इसे बनाया है, जो हर मायने में सस्टेनेबल और ईको-फ्रेंडली है।

आदिवासी बेटी ने गांव की लुप्त हो रही कला को दिलाई नई पहचान

By प्रीति टौंक

मिलिए मध्यप्रदेश के भिलाला आदिवासी समुदाय की साक्षी भयड़िया से। ये एक ट्राइबल आर्ट गैलरी चलाती हैं। उनकी इस कोशिश ने गांव की पिथौरा कला को नई पहचान दिलाई है।

बच्चों के साथ बढ़ेंगे उनके जूते भी, पुणे के सत्यजीत मित्तल का आविष्कार

By प्रीति टौंक

पुणे के सत्यजीत मित्तल के बनाए जूते, आपके बच्चों के साथ-साथ बढ़ते हैं और उन्हें तीन साइज़ तक फिट आ जाते हैं।

देश की पहली प्लास्टिक फ्री च्युइंग गम बनाकर इन्होंने 700 किलो प्लास्टिक को लैंडफिल में जाने से बचाया

By प्रीति टौंक

बेंगलुरु के मयंक नागौरी अपने भाई भुवन के साथ मिलकर, गुड-गम नाम का स्टार्टअप चला रहे हैं। इसके ज़रिए वे प्लास्टिक फ्री हेल्दी च्युइंग गम बनाकर पर्यावरण और सेहत दोनों को बचा रहे हैं।

इंजीनियर का कमाल! कम लागत की खाद से किसान हो रहे मालामाल

By प्रीति टौंक

केमिकल इंजीनियर अक्षय श्रीवास्तव ने चार साल के रिसर्च के बाद एक ऐसी खाद बनाई है जिसमें नौ पोषक तत्व हैं। ये खाद खेती का खर्च आधा कर देती है। पढ़ें कैसे?