ओडिशा के पद्म श्री डी प्रकाश राव ने ज़रूरतमंद बच्चों के लिए जिस स्कूल को शुरू किया था, आज उनके जाने के बाद, उनकी बेटी ने विदेश की नौकरी छोड़कर इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उठाई है। उनके इस नेक काम में आप भी उनका साथ दे सकते हैं!
#SustainableTourism को बढ़ावा देते हुए काम करने वाला मनोज शर्मा का स्टार्टअप #NotOnMap, 200 साल पुराने पुश्तैनी घर को Sustainable Homestay में बदलकर भारत के गाँवों की संस्कृति को लोगों तक पहुंचा रहा है।
अहमदाबाद की कुलदीप एंथोनी फर्नांडीज, पिछले 21 सालों से 'Aunty's Dhaba' चला रही हैं। मात्र 2000 रुपये कमाने के चैलेंज से उन्होंने इस काम की शुरुआत की थी, लेकिन आज वह इससे लाखों की कमाई कर रही हैं।
सस्टेनेबिलिटी, पारम्परिक आर्किटेक्चर और लोकल कारीगरी का एक दुर्लभ नमूना है राजस्थान के अलवर शहर में बना यह मिट्टी का घर, जो Mud Kothi के नाम से मशहूर है। Sketch Design Studio की फाउंडर और युवा डिज़ाइनर शिप्रा सिंघानिया सांघी ने इसे बनाया है।
कच्छ की रहने वाली राजीबेन वनकर प्लास्टिक वेस्ट से अलग-अलग प्रोडक्ट्स बनाती हैं। कभी मजदूरी करने वाली राजी बेन आज 30 से 40 महिलाओं को रोज़गार दे रही हैं।
दिल्ली की श्री श्याम रसोई में हर दिन हजारों ज़रूरतमंदों को सिर्फ 1 रुपये में भर पेट खाना मिलता है। इस रसोई को शुरू करने के लिए प्रवीण गोयल ने अपने जीवन की सारी जमा पूंजी लगा दी।