केरल के कन्नूर जिले में पयंगडी के पास थावम के रहनेवाले राजन, पेशे से एक मछुआरे हैं। लेकिन पिछले 40 सालों से मैंग्रोव को उगाने, संरक्षित करने और लोगों को जागरूक करके, उन्हें बचाने और पुनर्स्थापित करने का काम कर रहे हैं। इस वजह से उनका नाम मैंग्रोव राजन पड़ गया है।
अपने घर के आस-पास की जगहों पर तो सभी पौधे लगाते हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के धार जिले के अमृत पाटीदार पिछले 36 सालों से सार्वजनिक जगहों पर पेड़ लगाने का काम कर रहे हैं।
जयपुर की अनुपमा तिवाड़ी, पिछले 12 साल से पौधे लगा रही हैं। अब तक उन्होंने 15000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए हैं। उनके जीवन का लक्ष्य एक लाख पेड़-पौधे लगाना है।
आंध्र प्रदेश के श्रीकाकुलम में रहने वाली, अनुराधा पेरला ने अपने घर पर तो 1000 से ज्यादा पेड़-पौधे लगाए ही हैं, साथ ही, उन्होंने एक अस्पताल में भी सब्ज़ियां उगाई हैं, जिनसे मरीजों के साथ आये परिजनों के लिए भी खाना बनाया जाता है।
हरियाणा के कुरुक्षेत्र जिले में दादलू गाँव के रहने वाले हरबीर सिंह एक प्रगतिशील किसान हैं और अपने खेतों में एक हाई-टेक नर्सरी चला रहे हैं। अपनी नर्सरी में वह सब्जियों की पौध तैयार करते हैं, जो आज इटली तक भी पहुँच रहे हैं।
गर्मियों के मौसम में, देश के कई इलाकों का तापमान 40 डिग्री को भी पार कर जाता है। जिसका असर न सिर्फ हम लोगों बल्कि पेड़-पौधों पर भी पड़ता है। इसलिए, गर्मियों के मौसम में अपने पेड़-पौधों का ख्याल रखने के कुछ जरूरी टिप्स सीखिए, गार्डनिंग एक्सपर्ट एनेट मैथ्यू से।
महाराष्ट्र में ठाणे की रहने वाली गार्डनिंग एक्सपर्ट, 37 वर्षीया एनेट मैथ्यू बता रही हैं कि आप छुट्टियों के दौरान, घर से दूर रहकर भी पौधों को पानी देने के साथ-साथ, उनकी देखभाल भी कर सकते हैं। पढ़िए ये लेख!