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पद्म श्री चायवाले गुरु का स्कूल चलाने के लिए बेटी ने छोड़ दी विदेश की नौकरी

By प्रीति टौंक

ओडिशा के पद्म श्री डी प्रकाश राव ने ज़रूरतमंद बच्चों के लिए जिस स्कूल को शुरू किया था, आज उनके जाने के बाद, उनकी बेटी ने विदेश की नौकरी छोड़कर इसे आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी उठाई है। उनके इस नेक काम में आप भी उनका साथ दे सकते हैं!

सांप पकड़ने वाले 2 दोस्तों को मिला पद्म श्री सम्मान, तमिलनाडु के इरुला समुदाय का बढ़ा मान

By प्रीति टौंक

तमिल नाडु के दो स्नेक कैचर्स वडिवेल गोपाल और मासी सदाइयां को उनके सामाजिक कार्यों के लिए पद्म श्री अवॉर्ड से सम्मानित किया गया।

जानिए कैसे? बिहार की Kisan Chachi ने तय किया साइकिल से आचार बेचने से लकेर पद्म श्री तक का सफर

By प्रीति टौंक

गांव की आम महिला पहले 'साइकिल चाची' बनी फिर 'किसान चाची' (Kisan Chachi) और तय किया पद्म श्री तक का सफर। मुजफ्फरपुर के सरैया की रहनेवाली राजकुमारी देवी आज कई महिला किसानों के लिए प्रेरणा हैं।

किसानों के लिए एक से बढ़कर एक उपकरण बनाने वाले अब्दुल खादर नदकत्तिन को मिला पद्म श्री पुरस्कार

By प्रीति टौंक

कर्नाटक के सीरियल ग्रासरूट इनोवेटर, अब्दुल खादर नदकत्तिन, पिछले 40 सालों से खेती से जुड़े इनोवेशन कर रहे हैं।

मोती उगाने में जापान को टक्कर देने वाले भारतीय वैज्ञानिक डॉ. सोनकर पद्म श्री से सम्मानित

By प्रीति टौंक

डॉक्टर अजय सोनकर ने अंडमान निकोबार द्वीप समूह के सीपों के टिश्यू से मोती उगाने का काम प्रयागराज के अपने लैब में किया है। मोतियों की दुनिया में उनके किए रिसर्च की वजह से उन्हें इस साल पद्म श्री अवार्ड से नवाजा गया।

पद्म श्री दुलारी देवी: गोबर की लिपाई करके सीखी कला, रु. 5 में बिकी थी पहली पेंटिंग

By प्रीति टौंक

दुलारी देवी (Padma Shri Dulari Devi) को बिहार की मशहूर मिथिला पेंटिंग के क्षेत्र में योगदान के लिए इस साल पद्म श्री से सम्मानित किया गया। लेकिन इस मुकाम तक पहुंचने के लिए उन्होंने जीवनभर संघर्ष किया है।

20 सालों से अप्रवासियों के मृत शरीर को देश वापस लाने का नेक काम करते हैं अशरफ!

अभिनेत्री श्रीदेवी के पार्थिव शरीर को देश वापस लाने के लिए एयरलाइंस की फीस में छूट दिलाने में मदद करने से लेकर अशरफ पिछले 20 सालों में ऐसे कई नेक काम कर चुके हैं, जिसके लिए उन्हें कई अवार्ड और यहां तक की मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी मिली है।

निराला : ध्रुपद : गुंदेचा बंधु : अंतिम प्रणाम

By मनीष गुप्ता

आइये एक चाय पद्म श्री रमाकांत गुंदेचा जी के नाम पी जाए. जिनका कुछ दिनों पहले 57 वर्ष की अल्पायु में आकस्मिक निधन हुआ है.