चेन्नई की अर्चना स्टालिन अपने स्टार्टअप ‘myHarvest’ के ज़रिए, जैविक खेती करने वाले किसानों का एक समुदाय बनाया है, जो ग्राहकों को सीधा किसानों से जोड़ने का काम करता है। लॉकडाउन के दौरान उनके स्टार्टअप ने तकरीबन एक करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
ओडिशा के कालाहांडी जिले में संचरगाओं के रहने वाले किसान, कृष्ण चंद्र नाग अपने खेत में आम, केला और मौसमी सब्जियां उगाने के साथ-साथ मछली पालन और मुर्गी पालन भी कर रहे हैं, जिससे उनकी कमाई लाखों में हो रही है।
मुंबई की ‘Emgee Greens society’ पिछले दो साल से कचरा मुक्त है। उन्होंने पुरानी अलमारियों और सिंक तक को रीसायकल कर जैविक पौधों के लिए इस्तेमाल किया है और छत पर उगाई गई सब्जियों का उपयोग पूरी सोसाइटी कर रही है।
वाराणसी के रहने वाले नंदलाल मास्टर और रंजू सिंह अपने घर की छत पर मौसमी सब्ज़ियाँ जैसे बैगन, टमाटर, लौकी, सेम, खीरा, करेला,पालक,लहसून, भिन्डी आदि उगा रहे हैं!
झारखंड के देवघर में रहने वाले कृष्ण कुमार कन्हैया ने अपने 20 वर्षों के पत्रकारिता कैरियर ने दौरान, अन्न दाता, समय चौपाल जैसे कई लोकप्रिय कृषि आधारित कार्यक्रमों को चलाया है। लेकिन, जब उन्हें लगा कि किसानों की बेहतरी के लिए उन्हें कुछ अलग पहल करनी चाहिए, उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ी और लग गए किसानों को नई राह दिखाने में।
आदर्श सिंह अपने गार्डन में तरह-तरह के एक्सपेरिमेंट भी करते हैं जैसे उन्होंने खुद सिंचाई के लिए ड्रिप इरीगेशन सिस्टम बनाया और अब वह सहफसली करके भी सब्जियां उगाते हैं!