वाराणसी के रहने वाले नंदलाल मास्टर और रंजू सिंह अपने घर की छत पर मौसमी सब्ज़ियाँ जैसे बैगन, टमाटर, लौकी, सेम, खीरा, करेला,पालक,लहसून, भिन्डी आदि उगा रहे हैं!
छत्तीसगढ़ के रहने वाले सुबोध भोई और उनकी पत्नी ईश्वरी भोई, पेशे से एक शिक्षक हैं। लेकिन, पिछले 8 वर्षों से, अपने व्यस्त दिनचर्या के बीच, दोनों टेरेस गार्डनिंग कर, अपनी बागवानी की रुचि को एक नया आयाम दे रहे हैं।
एक बार लोकल ट्रेन से सफर करते वक़्त डॉ. विनी ने कुछ लोगों को रेलवे लाइन से पालक तोड़ते हुए देखा और बाद में, उन्हें पता चला कि यही पालक बाज़ार में आता है। इसके बाद उन्होंने खुद अपनी सब्ज़ियाँ उगाने की ठान ली!
उमेद सिंह पिछले 12 सालों से गार्डनिंग कर रहे हैं और उनके यहाँ जो भी उपज होती है, वह उनके परिवार के साथ-साथ उनके पड़ोसियों और रिश्तेदारों के यहाँ भी जाती है!