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इन आसान तरीकों को अपनाकर घर में ही उगाएं Strawberry

how to grow strawberry (1)

आपने अपने टेरेस गार्डन में धनिया, मिर्च, टमाटर और पुदीना तो खूब उगाएं होंगे, लेकिन क्या आपने कभी अपनी बालकनी में एक्ज़ोटिक स्ट्रॉबेरी उगाने के बारे में सोचा है? चलिए गार्डनिंग एक्सपर्ट से जानते हैं, स्ट्रॉबेरी उगाने के आसान तरीकों के बारे में।

जैसे-जैसे जैविक खाने के बारे में जागरूकता बढ़ रही है, वैसे-वैसे शहरी लोग भी अपनी छत या बालकनी में खुद ही सब्जियां उगाना पसंद कर रहे हैं। घर के बगीचे में धनिया, पुदीना, मिर्ची जैसी छोटी-मोटी सब्ज़ियां तो हम सभी उगा लेते हैं। लेकिन जब बात फलों की आती है, तो हमें लगता है कि यह तो मुश्किल काम होगा और हम हाथ खड़े कर लेते हैं। लेकिन आप बेशक कुछ फलों के पौधे भी अपने घर में उगा सकते हैं। अगर आपने अभी तक अपने घर में कोई भी फल नहीं उगाया है, तो शुरुआत करें एक बिलकुल एग्जॉटिक फल के साथ। हम बात कर रहे हैं, लाल रंग के दिलफरेब स्ट्रॉबेरी की। तो आइए जानते हैं, घर पर कैसे उगा सकते हैं स्ट्रॉबेरी!

स्ट्रॉबेरी का फल दिखने में सूंदर तो है ही, खाने में स्वादिष्ट और स्वास्थ्य के लिए सेहतमंद भी है। इसका रसदार खट्टा-मीठा स्वाद लोगों को बेहद भाता है। केक टॉपिंग से लेकर जैम और आइसक्रीम बनाने तक में, इसका इस्तेमाल किया जाता है। विटामन C और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर स्ट्रॉबेरी को बाजार से खरीदकर तो सभी ने खाया होगा। अब इसे खुद उगाकर, खाने का मज़ा लीजिये। जी हाँ, स्ट्रॉबेरी का पौधा लगाना बेहद आसान है और एक बार लगने के बाद यह पौधा दो साल तक आपको फल देता है। 

कोलकाता के गार्डनिंग एक्सपर्ट, संतोष मोहता पिछले 15 साल से, अपने घर में टेरेस गार्डनिंग कर रहें हैं। उन्होंने द बेटर इंडिया को बताया कि स्ट्रॉबेरी का पौधा 12 इंच के गमले में भी आसानी से उग जाता है और अगर इसकी थोड़ी-सी देखभाल की जाए, तो इसमें तीन से चार महीने के अंदर ही स्ट्रॉबेरी भी लगने लगते हैं। 

वह कहते हैं, “भारत की जलवायु को देखते हुए, स्ट्रॉबेरी सर्दियों में लगाया जाने वाला पौधा है। तकरीबन आठ डिग्री से लेकर 20 डिग्री का तापमान  इसके लिए बिल्कुल सही होता है। इसे बीज और पौधे, दोनों से लगाया जा सकता है। हालांकि, अगर आप इसे घर पर लगा रहे हैं, तो इसे पौधे (sapling) से लगाना ही सही होगा।”

स्ट्रॉबेरी के पौधे, मुख्य रूप से दो तरह के होते हैं, एक ‘June-Bearing’ पौधे, जिनमें जनवरी से गर्मियों की शुरुआत तक फल आते हैं। दूसरे ‘Ever-Bearing’ पौधे, जिनमें गर्मी के मौसम से लेकर, ठंड की शुरुआत तक फल आते हैं। 

संतोष बताते हैं, “इन दोनों तरह के पौधों में भी कई किस्म के स्ट्रॉबेरी लगते हैं।  हालांकि, इन सभी को लगाने का तरीका एक ही है। आपको अपने घर के पास की किसी भी नर्सरी में आसानी से इसके पौधे मिल जाएंगे।”

पौधा लगाने के लिए, इन चीजों की होगी जरूरत-

संतोष बताते हैं कि स्ट्रॉबेरी का पौधा, आपके पास की किसी भी नर्सरी में 20 से 30 रुपये में आराम से मिल जाएगा। पौधा खरीदते समय, चेक कर लें कि पौधे की सारी पत्तियां हरी हो और जड़ भी अच्छी हो। 

इसे लगाने के लिए, आकार में थोड़े चौड़े गमले अच्छे होते हैं। तक़रीबन 12 इंच की चौड़ाईवाले गमले बिल्कुल सही होते हैं। गमले में छेद यानी ड्रेनेज होल होने जरुरी हैं। 

पॉटिंग मिक्स के लिए 50% गोबर की खाद, 50% कोकोपीट और 2 मुट्ठी नीम की खली का इस्तेमाल करें। ध्यान रखें कि नीम खली जरूर मिलाएं। यह पौधे को  फंगस से बचाता है। वहीं, अगर आपके पास कोकोपीट नहीं है, तो आप सामान्य मिट्टी का इस्तेमाल भी कर सकते हैं, लेकिन मिट्टी बिल्कुल भुरभुरी होनी चाहिए। आप मिट्टी में थोड़ी रेत मिलाकर इसे भुरभुरा बना सकते हैं। 

कैसे लगाएं स्ट्रॉबेरी का पौधा 

  • सबसे पहले, आप गमले के छेद के ऊपर, किसी टूटे गमले के टुकड़े दाल दें। फिर छोटे-छोटे पत्थरों की एक परत बनाएं। 
  • अब गमले में तकरीबन दो इंच तक, पॉटिंग मिक्स डालें।  
  • फिर नर्सरी से लाये हुए पौधे को गमले के बीचों- बीच सावधानी से रखें। अब फिर से ऊपर पॉटिंग मिक्स डाल दें। ध्यान रखें कि पौधे की पत्तियां जहां से निकल रही हैं, बस वहीं तक पॉटिंग मिक्स डालें। 
  • स्ट्रॉबेरी के पौधे में ज्यादा पानी की जरूरत नहीं होती है, इसलिए थोड़ा-थोड़ा ही पानी डालें। 
  • कुछ दिनों तक इसे तेज धूप से बचाकर रखें। एक बार जब पौधे की जड़ मिट्टी के साथ पकड़ बना ले, फिर आप इसे सामान्य धूप में रख सकते हैं। 
  • पौधा लगाने के बाद उसकी लगातार निगरानी करना जरूरी है। 
  • कुछ बातों का ख्याल रखें, जैसे पौधे की जड़ के पास पानी जमा न रहे, कहीं फंगस तो नहीं लग रही आदि। 
  • इस पौधे में Mealy Bugs लगने का डर रहता है। Mealy Bugs सफ़ेद रंग के छोटे कीट होते हैं। कीट लगने पर इसमें चावल के पानी (Fermented Rice water) का छिड़काव करें। 
  • सही देखभाल की जाए, तो दो महीने में यह पौधा पुदीने के पौधे की तरह पूरे गमले में फ़ैल जाएगा और इसमें फूल भी निकल आएंगे। 
  • Tip – संतोष कहते हैं, “जैसे ही पौधे में फूल आ जाए, इसे ऐसी जगह रखें, जहां फूलों के दूसरे पौधे रखे हों। इससे परागण (Pollination) के कारण फूल को फल में बदलने में कम समय लगता है।
  • फल आते ही, आप गमले की मिट्टी को सूखी घास या लकड़ी के टुकड़ों से ढक दें, इससे फल में फंगस लगने का खतरा नहीं रहेगा। 
  • अगर आप सितंबर-अक्टूबर में पौधा लगा रहे हैं, तो इसमें जनवरी के आखिर तक फल आने लगेंगे। 
  • पहले इन फलों का रंग सफ़ेद होता है, फिर हरा और आख़िरकार, जब फलों का रंग चटक लाल हो जाए, तो समझ लें कि अब आपकी मेहनत से उगाई हुई स्ट्रॉबेरी को आप खा सकते हैं।  

संतोष बताते हैं कि घर में जैविक तरीके से उगी स्ट्रॉबेरी का स्वाद, बाजार की स्ट्रॉबेरी से ज्यादा अच्छा होता है। एक बार फल उगने के बाद, अगर आप पौधे का गमला बदल दें और पत्तो की थोड़ी कटाई कर दें, तो पौधा फिर से नया बन जाएगा और अगले सीजन के लिए तैयार भी हो जाएगा। तो आप भी अपने घर में एक बार रसदार स्ट्रॉबेरी लगाने की कोशिश जरूर करें। 

 गार्डनिंग से जुड़ी जानकारी के लिए आप, संतोष मोहता को उनके फेसबुक पेज पर संपर्क कर सकते हैं।  

हैप्पी गार्डनिंग!


संपादन – मानबी कटोच

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