देश और दुनिया में कोविड-19 के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। मामलों को नियंत्रित करने के लिए सरकार ने पूरे देश में लॉकडाउन की घोषणा की थी जिसका असर सबसे ज़्यादा दिहाड़ी मज़दूरों पर पड़ा। मज़दूरों के लिए इस कठिन समय को एक आईएएस ऑफिसर ने वरदान में बदल दिया और साथ ही वह गाँव की दो प्रमुख समस्याओं का हल निकालने में कामयाब रहे।
"मेरा लक्ष्य हमेशा दुनिया में मिठास फैलाने का रहा है। आम से बेहतर कुछ और भला क्या हो सकता है! ” यह 80 वर्षीय उस किसान का कहना है, जिसने आम की 1600 किस्मों की खेती की है।
बड़े शहरों में अपार्टमेंट्स में रहने वाले लोगों को अंकित 'वर्टीकल गार्डनिंग' करना सिखा रहे हैं, जिससे उन्हें ताजा सब्ज़ियाँ भी मिले और घर में पड़ी बेकार प्लास्टिक की बोतलों का उचित उपयोग भी हो।
इन जानवरों को भी चोट लगने, बीमारी या भूख में उतनी ही तकलीफ होती है जितनी हम इंसानों को। जानवरों से अगर प्यार करो तो वो बदले में आपसे उतनी ही वफादारी से प्यार करते हैं। इसलिए इनके प्रति क्रूरता और अपराध को रोकना चाहिए। - शबा बानो
नवंबर 2016 में शुरू हुए इस संगठन का उद्देश्य मानसिक रोग की पीड़ा झेल चुके लोगों को अलग-अलग तरह की ट्रेनिंग देकर, उनके खोये आत्मविश्वास को वापस लाना और फिर उन्हें रोज़गार के अवसर प्रदान करना है।