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3 साल तक सही घरेलू हिंसा फिर पति को तलाक देकर की नई शुरुआत, आज हैं एक पुलिस अफसर

By अर्चना दूबे

केरल के कोझिकोड की रहनेवाली नौजिशा हर दिन मारपीट और अपमान का सामना करती थीं। वह मानसिक तौर से कमज़ोर और अपनी शादी से इतनी तंग आ चुकी थीं कि उन्होंने आत्महत्या तक करने की कोशिश की। लेकिन आज वह कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।

अपने छात्रों को पढ़ाने हर दिन 25 किमी पैदल चलकर जाती हैं केरल की 65 वर्षीय नारायणी टीचर

केरल के कासरगोड में नारायणी नाम की एक टीचर बच्चों को पढ़ाने के लिए पिछले 50 सालों से हर दिन 25 किमी पैदल चल रहीं हैं। यह उनके इस अद्भुत सफ़र की कहानी है।

एक मछुआरा, जिसने 40 सालों से नाव में घूम-घूमकर लगाए लाखों मैंग्रोव

केरल के कन्नूर जिले में पयंगडी के पास थावम के रहनेवाले राजन, पेशे से एक मछुआरे हैं। लेकिन पिछले 40 सालों से मैंग्रोव को उगाने, संरक्षित करने और लोगों को जागरूक करके, उन्हें बचाने और पुनर्स्थापित करने का काम कर रहे हैं। इस वजह से उनका नाम मैंग्रोव राजन पड़ गया है।

क्या आपने भी फिट रहने के लिए चावल खाना बंद कर दिया? तो पढ़ें यह रिपोर्ट

By पूजा दास

कई रिसर्च से पता चलता है कि केरल में उगाए जाने वाले लाल मट्टा चावल में ऐसे कई गुण होते हैं, जो सेहत के लिए फ़ायदेमंद हैं और आमतौर पर खाए जाने वाले सफेद चावल में नहीं पाए जाते। यह चावल डायबटीज़ से लेकर कोलेस्ट्रोल के रोगियों के लिए काफ़ी अच्छा होता है।

मिट्टी के प्लास्टर ने बढ़ाई घर की ठंडक, 70% कम आता है बिजली का बिल

By प्रीति टौंक

केरल के पारम्परिक घर के साथ पर्यावरण का ध्यान रखते हुए कोड़िकोड के रिटायर्ड पुलिस अधिकारी सुब्रमनिया ने अपने लिए एक खूबसूरत घर बनाया है, जो देखने में भले आलिशान हो, लेकिन अनुभव मिट्टी के घर में रहने का देता है।

B.Tech चायवाला

By अर्चना दूबे

एक ने मिडिल ईस्ट में अपनी नौकरी छोड़ी, तो दूसरे ने माता-पिता को किया नाराज़। कुछ ऐसे की थी तीन इंजिनियरों ने ‘बी-टेक चाय’ स्टाल की शुरुआत।

आंखों से देख नहीं पातीं, पर हाथ में है ऐसा जादू कि देशभर में हैं उनके प्रोडक्ट्स के दिवाने

By प्रीति टौंक

त्रिशूर की गीता सलिश को खाना बनाना बेहद पसंद है। कोरोना के दौरान उन्होंने अपनी पाक कला को बिज़नेस में बदलने का फैसला किया। आज उन्हें देशभर से ऑर्डर्स मिल रहे हैं।

सिर्फ 12 लाख में बनाया इको फ्रेंडली फार्म हाउस, ताकि बच्चे प्रकृति के बीच बिता सकें समय

By निशा डागर

केरल के पालक्कड़ में, खेतों पर बने इस इको फ्रेंडली फार्म हाउस के निर्माण में ज्यादातर प्रकृति के अनुकूल रॉ मटेरियल का इस्तेमाल हुआ है।

पहाड़ों में नहीं, बेंगलुरु शहर की अपनी बालकनी में उगा रहे हैं सेब, जानिए कैसे

By अर्चना दूबे

57 वर्षीय कॉन्सेप्ट आर्टिस्ट और फोटोग्राफर विवेक विलासिनी, बेंगलुरु स्थित अपने घर की बालकनी में ही सेब और एवाकाडो जैसे फल उगा रहे हैं।

लॉकडाउन में सुबह-शाम किया बगीचे में काम, कटहल, आम, केला सहित लगा दिए 300+ पेड़-पौधे

By निशा डागर

केरल के त्रिशूर में रहने वाले 60 वर्षीय केवी बाबूराज पेशे से फोटोग्राफर हैं और पिछले 12 सालों से अपने घर में बागवानी भी कर रहे हैं।