केरल के कोझिकोड की रहनेवाली नौजिशा हर दिन मारपीट और अपमान का सामना करती थीं। वह मानसिक तौर से कमज़ोर और अपनी शादी से इतनी तंग आ चुकी थीं कि उन्होंने आत्महत्या तक करने की कोशिश की। लेकिन आज वह कई महिलाओं के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं।
केरल के कासरगोड में नारायणी नाम की एक टीचर बच्चों को पढ़ाने के लिए पिछले 50 सालों से हर दिन 25 किमी पैदल चल रहीं हैं। यह उनके इस अद्भुत सफ़र की कहानी है।
केरल के कन्नूर जिले में पयंगडी के पास थावम के रहनेवाले राजन, पेशे से एक मछुआरे हैं। लेकिन पिछले 40 सालों से मैंग्रोव को उगाने, संरक्षित करने और लोगों को जागरूक करके, उन्हें बचाने और पुनर्स्थापित करने का काम कर रहे हैं। इस वजह से उनका नाम मैंग्रोव राजन पड़ गया है।
कई रिसर्च से पता चलता है कि केरल में उगाए जाने वाले लाल मट्टा चावल में ऐसे कई गुण होते हैं, जो सेहत के लिए फ़ायदेमंद हैं और आमतौर पर खाए जाने वाले सफेद चावल में नहीं पाए जाते। यह चावल डायबटीज़ से लेकर कोलेस्ट्रोल के रोगियों के लिए काफ़ी अच्छा होता है।
केरल के पारम्परिक घर के साथ पर्यावरण का ध्यान रखते हुए कोड़िकोड के रिटायर्ड पुलिस अधिकारी सुब्रमनिया ने अपने लिए एक खूबसूरत घर बनाया है, जो देखने में भले आलिशान हो, लेकिन अनुभव मिट्टी के घर में रहने का देता है।
त्रिशूर की गीता सलिश को खाना बनाना बेहद पसंद है। कोरोना के दौरान उन्होंने अपनी पाक कला को बिज़नेस में बदलने का फैसला किया। आज उन्हें देशभर से ऑर्डर्स मिल रहे हैं।