क्या आपने भी फिट रहने के लिए चावल खाना बंद कर दिया? तो पढ़ें यह रिपोर्ट

Palakkad Rice

कई रिसर्च से पता चलता है कि केरल में उगाए जाने वाले लाल मट्टा चावल में ऐसे कई गुण होते हैं, जो सेहत के लिए फ़ायदेमंद हैं और आमतौर पर खाए जाने वाले सफेद चावल में नहीं पाए जाते। यह चावल डायबटीज़ से लेकर कोलेस्ट्रोल के रोगियों के लिए काफ़ी अच्छा होता है।

जब कभी हम डायट के बारे में सोचते हैं, तो सबसे पहले कार्बोहाइड्रेट कम करने के लिए रोटी और चावल खाना छोड़ देते हैं। खुद को फिट बनाने की कोशिश में हम ज्वार, बाजरा और रागी जैसे मोटे अनाजों का ज़्यादा इस्तेमाल करने लगते हैं। लेकिन कई लोग यह नहीं जानते कि कुछ तरह के चावल ऐसे भी होते हैं, जो सेहत को नुक़सान नहीं पहुँचाते। डाइटिशिअन द्वारा बताए जाने वाले ब्राउन राइस के अलावा, केरल में पाया जाने वाला पलक्कड़ राइस या लाल मट्टा चावल भी काफ़ी फ़ायदेमंद होता है।

अगर आप केरल में हैं और बाहर खाना खाने जाते हैं, तो वैसे तो कई तरह की सब्जियां और व्यंजन आपको मिलेंगे, लेकिन एक चीज़ जो हर थाली में आपको मिलेगी, वह है मट्टा चावल।

इसे रोजमट्टा या पलक्कड़ चावल के नाम से भी जाना जाता है और ज़्यादातर पलक्कड़ क्षेत्र में उगाया जाता है। चावल की इस क़िस्म को जीआई (भौगोलिक संकेत) टैग भी मिला हुआ है। 

यह चावल बिना छिल्के का होता है या थोड़ा-बहुत छिल्का रहता है, इसमें एंटीऑक्सीडेंट गुण और एंथोसायनिन होने की वजह से यह लाल रंग का दिखता है। इसका स्वाद भी बाकी तरह के चावलों से अलग होता है।  

तो चलिए जानें मट्टा चावल के 10 फ़ायदों के बारे में-

1. पलक्कड़ राइस में होता है ज़्यादा पोषण

has a red husk, and its colour is due to the presence of anthocyanin
Matta rice has a red husk, and its colour is due to the presence of anthocyanin

इसमें सफ़ेद चावल से ज़्यादा पोषण होता है, क्योंकि मट्टा चावल में राइस जर्म बना रहता है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लाल चावल में, पॉलिश्‍ड और अच्छी महक वाले बासमती चावल से पांच गुना ज़्यादा आयरन, तीन गुना ज़्यादा ज़िंक और दोगुना फाइबर होता है। 

2. ज़्यादा  फाइबर

अपनी आंतों को स्वस्थ रखने के लिए हमें भरपूर फाइबर की ज़रुरत होती है। एक रिपोर्ट के अनुसार, एक चौथाई कप लाल चावल में लगभग 2 ग्राम फाइबर होता है, जो हमारे रोज़ के लिए ज़रूरी फाइबर का लगभग 8 प्रतिशत है। ज़्यादा फाइबर होने की वजह से लाल चावल में कॉम्प्लेक्स कार्बोहाइड्रेट होते हैं, जबकि सफेद चावल में साधारण कार्बोहाइड्रेट होते हैं। यह पाचन में मदद करता है और थोड़ा सा खाकर ही आपका पेट भर जाता है।  

3. पलक्कड़ राइस, डायबटीज़ के मरीज़ों के लिए होता है फ़ायदेमंद

लाल चावल डायबटीज़ कंट्रोल करने में मदद करता है। इसमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जो शरीर में  ब्लड शुगर लेवल को सही बनाए रखता है।

4. ज़्यादा मैग्नीशियम

मट्टा चावल में मैग्नीशियम की अच्छी मात्रा होती है। रिपोर्ट्स में कहा गया है कि आधे कप लाल चावल में करीब 42 ग्राम मैग्नीशियम होता है, जो दिल, हड्डियों और नसों को सही ढंग से चलाने में मदद करता है। यह ब्लड प्रेशर को कंट्रोल में रखता है, जिससे दिल के दौरे का ख़तरा कम रहता है। शरीर में कम मैग्नीशियम होने से कई बीमारियां और समस्याएं हो सकती हैं। 

5. कैल्शियम और ज़िंक की सही मात्रा

मट्टा चावल में, सफेद चावल से काफ़ी ज़्यादा कैल्शियम होता है, जिससे दांत और हड्डियां स्वस्थ रहते हैं। इसमें ज़िंक की भी अच्छी मात्रा होती है, जो हमारे इम्युनिटी सिस्टम को मजबूत बनाता है।  

A Kerala meal with red matta rice
A Kerala meal with red matta rice

6. पलक्कड़ राइस, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करता है

शरीर में कोलेस्ट्रॉल बढ़ने से दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है। मट्टा चावल में चोकर होता है, जो मोनाकोलिन ए से भरपूर होता है और कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करता है।

7. विटामिन ए और बी से भरपूर

मट्टा चावल, विटामिन ए और बी से भी भरपूर होता है, जो आपकी आंखों, इम्युनिटी सिस्टम, त्वचा और प्रजनन के लिए बहुत ज़रूरी है। वहीं विटामिन बी, मेटाबोलिज्म और ऊर्जा को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है।

8. त्वचा के लिए फ़ायदेमंद

इसमें कई सारे विटामिन और मिनरल मौजूद होते हैं, इसलिए मट्टा चावल आपकी त्वचा के लिए बहुत फ़ायदेमंद होता है। इनमें से कुछ विटामिन शरीर में आरबीसी बढ़ाने में भी मदद करते हैं, जो त्वचा के लिए काफ़ी ज़रूरी होते हैं।

9. ग्लूटन फ्री

लाल चावल की एक और ख़ासियत यह है कि यह ग्लूटन फ्री होता है। इसे ग्लूटन एलर्जी वाले लोगों के साथ-साथ, पेट की समस्या वाले लोग भी खा सकते हैं।

10. वज़न घटाने में मददगार होता है पलक्कड़ राइस

लाल चावल में काफ़ी  ज़्यादा  पोषक तत्व होते हैं और यह उबला हुआ होता है। फाइबर की ज़्यादा  मात्रा और चोकर आपके पेट को भरा रखते हैं। रिपोर्ट्स यह भी बताती हैं कि यह मोटापे को कम करने  में मदद करता है।

मूल लेखः सौम्या मणि

संपादनः भावना श्रीवास्तव

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