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Video: हादसे में दोनों पैर गंवाने के बाद भी, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा

छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले चित्रसेन साहू ने एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर गंवाने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। इस वीडियो में देखिये उनकी कहानी उन्ही की ज़ुबानी।

खेती से लेकर मसालों के बिज़नेस तक, पढ़िए कभी कर्ज में डूबी एक विधवा की प्रेरक कहानी!

महाराष्ट्र के नासिक में रहने वाली सविता लभडे, पति की मौत के बाद क़र्ज़ में डूबी हुईं थीं। हिम्मत न हारते हुए उन्होंने खेती की और अपना मसालों का बिज़नेस भी शुरू किया। आज वह 'साधना जनरल स्टोर' की मालकिन हैं।

लद्दाख: जहाँ मोबाइल, टी.वी पर भी थी रोक, उस समुदाय की पहली वकील बन बदली सोच

लद्दाख के बोग्दंग गाँव की रहने वाली जुलेखा बानो अपने ‘बाल्टी समुदाय’ में वकील बनने वाली पहली महिला हैं। लेकिन, उनका यह सफर कई कठिनाइयों से भरा रहा है। यहाँ पढ़िए, उनकी प्रेरक कहानी!

इस खत को पढ़कर आप भावुक हो जाएंगे, जिसे एक IAS बेटी ने अपनी माँ के नाम लिखा है!

IAS अधिकारी सरयू मोहनचंद्रन मूल रूप से केरल की रहने वाली हैं। वह फिलहाल, तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में तैनात हैं। कुछ महीने पहले, उन्होंने अपने फेसबुक पर अपनी माँ, खादिजा के लिए एक काफी भावनात्मक पोस्ट साझा किया।

“जरूरतमंदों को पैसे देने के बजाय, खाना देना बेहतर…” मिलिए कोच्चि के इस प्रेरक चायवाले से!

केरल के कोच्चि के रहने वाले ओ.ए. नजर और उनके भाई ओ. ए. शमसुद्दीन, अपने पिता के नक्शेकदम पर चलते हुए, हर दिन कम से कम 10 लोगों को खाना खिलाते हैं।

उम्र 105 वर्ष, काम -जैविक खेती, मिलिए इस दादी से!

जब आज की पीढ़ी 50 साल की उम्र तक रिटायर होने की योजना बना रही है, तो 105 वर्षीय पप्पम्मल की कहानी सिर्फ एक उदाहरण नहीं, बल्कि एक प्रेरणा है, क्योंकि आज भी, हर दिन वह अपने खेती कार्यों को करती हैं।

कोरोना हीरोज़: मात्र 30 रुपये की लागत वाली फेस-शील्ड बना रही है यह टीम!

By निशा डागर

IIT दिल्ली की इनोवेशन सेल के साथ काम कर रहे सचिन पवार ने इस फेस-शील्ड का डिज़ाइन बनाया है और अब वह वीडियो के माध्यम से देश के अलग-अलग भागों में लोगों को इसे बनाना सिखा रहे हैं!

जुताई के लिए हल और बैल खरीदने के नहीं थे पैसे, तो बना दिया साइकिल को जुताई मशीन

81 वर्षीय गोपाल भिसे ने ज़िंदगी की थकान को कभी खुद पर हावी होने नहीं दिया। उन्होंने छोटे किसानों के लिए साइकिल से जुताई मशीन बनाई, जिससे उनके जैसे किसानों को हल व बैल का एक सस्ता विकल्प मिल गया।