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इन्होंने बचाए हैं बुंदेलखंड के 75 तालाब

By प्रीति टौंक

एक बार मेरे किसी पहचान वाले के निधन के बाद हम शमशान से आए और मान्यता के अनुसार वहाँ मौजूद सभी लोगों को घर के अंदर आने से पहले नहाना था, लेकिन पूरे गांव में हम सबके नहाने के लिए पानी नहीं था, उस दिन पानी के लिए मेरा पूरा परिवार तेज़ धूप में तीन किलोमीटर चलकर दूसरे गांव तक गया था। मेरा पूरा बचपन पानी के लिए संघर्ष करते हुए ही बीता है, इसलिए मैं पानी का महत्त्व जानता हूँ।"

समुद्र को बचाकर 49 साल की उम्र में भारत की कोरल वुमन बन गईं यह गृहणी

लगभग 10 साल पहले, 49 की उम्र में उन्होंने अपनी पहली बार Deep-sea Scuba Diving की थी; और शौक़ के लिए शुरू हुआ उमा मणि का यह काम आज उनकी सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी और लक्ष्य बन चुका है। Sony BBC Earth से उन्हें ‘Earth Champion of the Month’ का Title भी मिल चुका है।

ICU में भी ड्राइंग करती थीं मानसी, अपने हुनर से हराया हर मुश्किल को

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद की मानसी सदिरा ऑनलाइन एक से बढ़कर एक ड्राइंग और स्कैच बनाकर बेचती हैं। उनकी कला देखकर कोई विश्वास नहीं करेगा कि वह सांस लेने के लिए भी एक मशीन पर निर्भर हैं।

बच्चों की कोचिंग क्लास से हैं नाखुश? जानिए कैसे इन अभिभावकों ने पाया रिफंड

By पूजा दास

त्रिलोक चंद गुप्ता, किन्नर चोकसी और दिलबर सिंह जैसे कई अभिभावक अपने बच्चों के कोचिंग क्लास की सर्विस से नाखुश थे। पूरी फीस देने के बावजूद सेवाएं वैसी नहीं थी, जैसा कि विज्ञापन में और दाखिले से पहले कहा गया था। इन परेशान अभिभावकों ने उपभोक्ता कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और अंत में कोचिंग क्लास से भुगतान की गई फीस वापस पाने में सक्षम रहे। आईए जानते हैं कैसे हुआ ये संभव।

हर दिन 1000 से ज्यादा जरूरतमंद लोगों को मुफ्त में खाना खिलाता है ‘वीरजी का डेरा'

By निशा डागर

दिल्ली में ‘वीरजी का डेरा' संगठन द्वारा हर दिन 1000 से ज्यादा गरीब और बेसहारा लोगों को खाना खिलाया जाता है और 300 से 400 बीमार तथा घायल लोगों का इलाज किया जाता है।

एक IRS के 10 वर्षों के प्रयासों से गाँव को मिला सड़क-स्कूल, पढ़िए यह प्रेरक कहानी

2010 बैच के IRS अधिकारी, सुरेश लखावत के प्रयासों का नतीजा है कि आज, तेलंगाना के एक छोटे से गाँव सर्वापुरम में, सड़क से लेकर स्कूल तक की बेहतर सुविधा है।

Video: विदेशों की नौकरी छोड़, बुंदेलखंड में किसानों को नई राह दिखा रहे यह वैज्ञानिक

उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड के रहने वाले रविकांत पाठक हॉंगकॉंग, अमेरिका और स्वीडन जैसे देशों में काम कर चुके हैं, लेकिन कुछ अलग करने की चाहत में उन्होंने अपनी नौकरी छोड़ दी। वह 2007 से अपने “भारत उदय” प्रयास के तहत किसानों को प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने की दिशा में संघर्षरत हैं।

Army Hero: 27 साल पहले आतंकवादी मुठभेड़ में खाई सीने पर गोलियाँ, आज बदल दी गाँव की तस्वीर

1994 में, मणिपुर के सुदूरवर्ती गाँव लांगदाईपबरम में एक आतंकवादी मुठभेड़ में कप्तान डीपीके पिल्लई ने जांबाजी और नेकदिली का परिचय दिया, जब वह मौत के बिल्कुल करीब थे। उनकी वजह से दो मासूम बच्चों की जान बची। आज 27 वर्षों के बाद, वह उस गाँव के लोगों को एक नया जीवन देने में सफल हो रहे हैं।

लॉन्च के दिन हुई फाउंडर की मृत्यु, पाँच दोस्तों ने संभाली कमान, आज है लाखों का बिजनेस

दिल्ली में पाँच महिलाओं ने मिलकर ‘काकुल’ नाम से एक ऐसे मंच को शुरू किया, जहाँ न सिर्फ पर्यावरण के अनुकूल और हाथों से बने सौ से अधिक उत्पादों को बेचा जाता है, बल्कि इससे दूसरी महिला उद्यमियों को भी बढ़ावा मिल रहा है। पढ़िये एक प्रेरक कहानी।

76 की उम्र में करते हैं पुश-अप से लेकर प्लैंक तक, विराट कोहली भी हैं इनकी फिटनेस के कायल

By निशा डागर

फिटनेस के लिए विराट कोहली से तारीफ़ पाने वाले 76 वर्षीय त्रिपत सिंह, नियमित रूप से एक्सरसाइज करते हैं और मैराथन दौड़ते हैं। जानिये उनकी सेहत का राज़।