लद्दाख के बोग्दंग गाँव की रहने वाली जुलेखा बानो अपने ‘बाल्टी समुदाय’ में वकील बनने वाली पहली महिला हैं। लेकिन, उनका यह सफर कई कठिनाइयों से भरा रहा है। यहाँ पढ़िए, उनकी प्रेरक कहानी!
नागालैंड के खुजमा गाँव में रहने वाले केसेतो ठाकरो NIT Nagaland में एक टेक्नीशियन के रूप में काम करते हैं। उन्होंने अपने गाँव में एक मिनी-हाइड्रो पावर प्लांट को लगाया है, जिससे आज पूरा गाँव रोशन हो रहा है।
महाराष्ट्र के पुणे के रहने वाले 34 वर्षीय गोपाल डागोर के आँखों की रेटिना बचपन से ही खराब थी, लेकिन डॉक्टरों को लगा कि आगे चलकर यह ठीक हो जाएगा। लेकिन साल 2016 में उनकी 90% दृष्टि बाधित हो गई। इस घटना से गोपाल की नौकरी चली गई और उनका जीवन काफी कठिन हो गया।