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Tokyo Paralympics: 10 भारतीय खिलाड़ी, जिन्होंने अपनी कमजोरी को बनाई ताकत

पलक कोहली, सकीना खातून, ज्योति बलिया, अरुणा तंवर, प्रमोद भगत, अवनी लेखरा, पारुल परमार, रूबिना फ्रांसिस, कशिश लाकर और मनीष नरवाल! ये कुछ ऐसे खिलाड़ी हैं, जिन्होंने जिंदगी के हर मोड़ पर संघर्ष किया है। लेकिन, न तो इन्होंने हार मानी और न ही अपने मनोबल को टूटने दिया। जानते हैं, पैरालंपिक तक पहुंचने के उनके सफर को।

Induben Khakhrawala: घर चलाने के लिए बनाने लगी थीं खाखरा, 60 साल में बन गया मशहूर ब्रांड

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद के जाने-माने नमकीन ब्रांड ‘Induben Khakhrawala’ की शुरुआत इंदुबेन जवेरी ने घर से खाखरा बनाने से की थी। जानिए उनके संघर्ष और हिम्मत की कहानी।

Rooh Afza: जिसने आज़ादी की सुबह भी देखी और तीन देशों का बंटवारा भी

By प्रीति टौंक

गर्मी के मौसम में जो चीज़ आपको हर भारतीय घर में मिल जाएगी, वह है रूह अफ़ज़ा (Rooh Afza)। आइए जानते है इसकी कहानी।

हर महीने अपनी जेब से रु. 20 हज़ार खर्च कर, 2200 छात्रों को देते हैं मुफ्त ऑनलाइन शिक्षा

By पूजा दास

बठिंडा, पंजाब के केंद्रीय विद्यालय में गणित के शिक्षक, संजीव कुमार, लॉकडाउन के समय से 2200 से अधिक छात्रों को मुफ्त ऑनलाइन शिक्षा दे रहे हैं।

दिन भर करते हैं नौकरी, शाम को अपनी कमाई के एक हिस्से से चलाते हैं ‘एक रुपया क्लिनिक'

By निशा डागर

संबलपुर, ओडिशा के 38 वर्षीय डॉ. शंकर रामचंदानी ने ‘एक रुपया क्लिनिक' की शुरुआत की है, जहां वह गरीब और जरूरतमंदों का इलाज मात्र एक रूपये में करते हैं।

एक IRS के 10 वर्षों के प्रयासों से गाँव को मिला सड़क-स्कूल, पढ़िए यह प्रेरक कहानी

2010 बैच के IRS अधिकारी, सुरेश लखावत के प्रयासों का नतीजा है कि आज, तेलंगाना के एक छोटे से गाँव सर्वापुरम में, सड़क से लेकर स्कूल तक की बेहतर सुविधा है।

Army Hero: 27 साल पहले आतंकवादी मुठभेड़ में खाई सीने पर गोलियाँ, आज बदल दी गाँव की तस्वीर

1994 में, मणिपुर के सुदूरवर्ती गाँव लांगदाईपबरम में एक आतंकवादी मुठभेड़ में कप्तान डीपीके पिल्लई ने जांबाजी और नेकदिली का परिचय दिया, जब वह मौत के बिल्कुल करीब थे। उनकी वजह से दो मासूम बच्चों की जान बची। आज 27 वर्षों के बाद, वह उस गाँव के लोगों को एक नया जीवन देने में सफल हो रहे हैं।

Video: दार्जिलिंग से आकर दिल्ली में 'मोमोस' से बनाई पहचान, एक अकेली माँ की प्रेरक कहानी

दार्जिलिंग की रहने वाली यूडेन आंटी, फिलहाल दिल्ली में "दार्जिलिंग स्टीमर्स” रेस्टोरेंट चलातीं हैं। लेकिन, एक अकेली माँ होने के कारण, उन्हें इस बिजनेस को शुरू करने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। देखिये उनकी प्रेरक कहानी।

Video: हादसे में दोनों पैर गंवाने के बाद भी, अफ्रीका की सबसे ऊंची चोटी पर लहराया तिरंगा

छत्तीसगढ़ के रायपुर के रहने वाले चित्रसेन साहू ने एक ट्रेन हादसे में अपने दोनों पैर गंवाने के बाद भी हिम्मत नहीं हारी। इस वीडियो में देखिये उनकी कहानी उन्ही की ज़ुबानी।

खेती से लेकर मसालों के बिज़नेस तक, पढ़िए कभी कर्ज में डूबी एक विधवा की प्रेरक कहानी!

महाराष्ट्र के नासिक में रहने वाली सविता लभडे, पति की मौत के बाद क़र्ज़ में डूबी हुईं थीं। हिम्मत न हारते हुए उन्होंने खेती की और अपना मसालों का बिज़नेस भी शुरू किया। आज वह 'साधना जनरल स्टोर' की मालकिन हैं।