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Indian History

महिला रामलीला! राम, रावण, हनुमान, सभी हैं महिलाएं! कोई MBA है, कोई इंजीनियर

क्या आपने कभी ऐसी रामलीला देखी है जिसमें कोई पुरुष ही न हो? चंडीगढ़ के चिनार होम्स में एक ऐसी ही अनोखी रामलीला का आयोजन हो रहा है जहाँ राम, रावण, हनुमान, लक्ष्मण जैसे सभी किरदार महिलाएं निभा रही हैं। स्टेज का संचालन और इसे ऑर्गेनाइज़ करने वाली संस्था की फाउंडर भी एक महिला हैं!

भारतीय कवियों के कलम से निकली इन कविताओं पर अंग्रेजी हुकूमत ने लगा दी थी पाबंदी

By पूजा दास

भारत के स्वतंत्रता संग्राम में कला और साहित्य की भी महत्वपूर्ण भूमिका रही। देश की स्वतंत्रता के लिए क्रांतिकारियों और आंदोलनकारियों के साथ कवियों और लेखकों ने भी अहम योगदान दिया। लेकिन कई ऐसे कवि और कविताएं रहीं, जिनसे डरकर अग्रेंज़ों ने उन पर पाबंदी लगा दी, जानें कौन सी थीं वे कविताएं।

कौन हैं पिंगली वेंकैया? जिनकी वजह से हमें मिला तिरंगा, जानिए उस शख्स की अनसुनी कहानी

By प्रीति टौंक

बलिदान, समृद्धि और शांति के प्रतीक इस तिरंगे को राष्ट्रीय ध्वज का दर्जा दिलाने के लिए पिंगली वेंकैया ने लंबी लड़ाई लड़ी थी।

10 दुर्लभ तस्वीरें, जो भारत और भारतीय इतिहास को और करीब से जानने का देती हैं मौका

By अर्चना दूबे

इतिहास में झांककर देखेंगे, तो आप कई ऐसे शख्सियतों और नायकों के सामने खुद को खड़ा पाएंगे, जिन्होंने देश को महान ऊंचाइयों पर पहुंचाया, तो चलिए महत्वपूर्ण क्षणों के दौरान आगे आने वालों और उनके योगदानों की कुछ दुर्लभ तस्वीरों के ज़रिए उन बीते युगों की यात्रा करें।

Ajanta Caves: वह ऐतिहासिक कहानी, जब अंग्रेज बुद्ध की हजारों छवियां देख रह गए थे हैरान

अजंता की गुफाओं की खोज 1819 में एक सैनिक अधिकारी जॉन स्मिथ ने की। सह्याद्रि पर्वतमाला में बनीं ये गुफाएं सदियों से निर्वाण का प्रवेश द्वार बनी हुई हैं। पढ़िए इसके खोज की रोचक कहानी।

समुद्रगुप्त: 'भारत का नेपोलियन' कहा जाने वाला वह राजा, जिन्होंने स्वर्ण युग की नींव रखी

सम्राट समुद्रगुप्त, गुप्त राजवंश के दूसरे राजा थे। ‘भारत का नेपोलियन’ कहे जाने वाले इस शासक को देश में ‘स्वर्ण युग’ का जनक माना जाता है।

कौन थीं रानी कमलापति, जिनके नाम पर बदला हबीबगंज स्टेशन का नाम

भोपाल में 1979 में बने हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम हाल ही में बदलकर, रानी कमलापति रेलवे स्टेशन कर दिया गया। पर, कौन थीं रानी कमलापति? पढ़िए उनकी पूरी कहानी!

ज्योतिबा फुले: वह महात्मा, जिन्हें अपना गुरू मानते थे बाबा साहब अंबेडकर

महात्मा ज्योतिबा फुले का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को पुणे में एक माली परिवार में हुआ था। उन्होंने देश में दलितों और महिलाओं को सामाजिक न्याय देने के लिए संघर्ष की शुरुआत की। यही कारण है कि संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर उन्हें अपना तीसरा गुरू मानते थे। पढ़ें यह प्रेरक कहानी!

जगदीश चंद्र बोस: जानिए क्यों नोबेल जीतने से चूक गए यह महान वैज्ञानिक

जगदीश चंद्र बोस के पिता ब्रिटिश सरकार में एक बड़े अधिकारी थे। फिर भी, उन्होंने बेटे को एक बांग्ला स्कूल में भेजा। यहां बोस किसानों और मजदूरों के बच्चों के साथ पढ़ते थे, जिससे उनके भीतर प्रकृति के प्रति प्रेम की भावना जागी।

वह भूला-बिसरा गांव, जिसने भारत की टेलीविजन क्रांति में निभाई सबसे बड़ी भूमिका

खेड़ा कम्युनिकेशंस प्रोजेक्ट के लिए अहमदाबाद के इसरो कैम्पस में कई वैज्ञानिक, इंजीनियर, लोक संस्कृति विशेषज्ञ और फिल्म निर्माता जमा हुए। यह वास्तव में कुछ ऐसा था, जिसे दुनिया के किसी स्पेस एजेंसी में पहले कभी नहीं देखा गया।