अडूर (केरल) के रहने वाले राजेश थिरुवल्ला ने अपना बचपन ग़रीबी में, माता-पिता के प्यार के बिना ही गुज़ार दिया। लेकिन आज वह एक नहीं, 300 बुज़ुर्गों के बेटे हैं और सबकी ज़िम्मेदारी बड़े प्यार से उठा रहे हैं। पढ़ें, महात्मा जनसेवा केंद्रम के संस्थापक राजेश थिरुवल्ला की कहानी।