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बिहार: डॉक्टर की फीस सिर्फ 50 रुपए, जरूरतमंदों की करते हैं आर्थिक मदद, लोग मानते हैं मसीहा

बिहार के शेखपुरा के रहने वाले डॉ. रामनंदन सिंह, रिम्स रांची से एमबीबीएस करने के बाद, बीते 35 वर्षों से अपने गांव में लोगों की मामूली फीस पर इलाज कर रहे हैं। उनके पास आसपास के कई जिलों के मरीज आते हैं।

वीकेंड पर लेती हैं खाने के ऑर्डर, उन पैसों से खिलाती हैं बेसहारा जानवरों को खाना

By निशा डागर

लुधियाना में रहने वाली रूह चौधरी, पिछले कई सालों से इको-फ्रेंडली तरीकों से अपना जीवन जी रही हैं और साथ ही, वह हर दिन लगभग 75 बेसहारा जानवरों को खाना खिलाती हैं।

इस युवक के हैं 150 माता-पिता! बेघर बुज़ुर्गों को घर लाकर दिया सम्मान से जीने का सेकंड चांस

By निशा डागर

हैदराबाद के रहने वाले इंजीनियर, जैसपर पॉल 'सेकंड चांस' नामक अपने संगठन के जरिए 150 बेसहारा लोगों को खाना, कपड़े और घर की सुविधा दे रहे हैं।

ठंड में ठिठुरने को मजबूर थे इस गाँव के लोग, इन युवाओं ने पॉकेट मनी बचाकर बिखेरी मुस्कान

सारदाह गाँव के लोगों की दैनिक आमदनी 50 रुपए है, जिस वजह से सर्दी के मौसम में इनके लिए गर्म कपड़े खरीदना आसान नहीं है।

वीकेंड किड्स कार्निवाल: अपने बच्चों को इस वीकेंड दीजिए खास उपहार जिसमें मस्ती के साथ होगी प्रवासी श्रमिकों की मदद भी!

By पूजा दास

मज़ेदार कहानियां, रोचक साइंस एक्सपेरिमेंट और हैरान करने वाले जादू के खेल – ऐसी ही मज़ेदार एक्टिविटी के साथ बनाईए अपने बच्चों का यह वीकेंड मौज-मस्ती से भरपूर। और ये सब कुछ होगा उन लोगों की मदद करते हुए जिन्हें अभी सहायता की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। अभी बुक करें।

#BetterTogether: 5000 से ज़्यादा दिहाड़ी मजदूरों को मासिक फूड किट दे रही हैं मुंबई की आईआरएस अधिकारी!

By पूजा दास

लॉकडाउन के बीच, जरूरतमंदों के लिए फंड रेज़िंग अभियान शुरू करने के अलावा डॉ मेघा भार्गव ने मुंबई और गुजरात पुलिस को 2000 से भी ज़्यादा हैंड सैनिटाइटर दिए हैं!

कोविड-19: विप्रो और अजीम प्रेमजी फाउंडेशन का 1,125 करोड़ रुपये देने का ऐलान

By पूजा दास

देश में कोविड-19 से संक्रमित लोगों की बढ़ती संख्या से निपटने के लिए अजीम प्रेमजी फाउंडेशन और विप्रो ने आर्थिक और चिकित्सा सहायता की घोषणा की है।

दिन में ऑफिस, शाम में ऑटो ड्राईवर और रात में फ्री एम्बुलेंस सर्विस देता है यह शख्स!

By निशा डागर

एक्सीडेंट में हाथ और पैर टूटने के बावजूद मंजुनाथ सुबह नौकरी करते और शाम को ऑटो चलाते हैं। रात में वह अपना ऑटो एम्बुलेंस सर्विस के लिए देते हैं और इससे हुई कमाई को दान कर देते हैं। लॉकडाउन में भी उनकी ये सेवा जारी है।

कोरोना हीरोज़: 350 गरीब परिवारों को खाना और मास्क मुहैया करा रहा है यह पुलिस अफसर!

By निशा डागर

दिल्ली के इंदिरा कैंप स्लम में रहने वाले कई प्रवासी मजदूर अपने गाँव लौटना चाहते थे। लेकिन पुलिस अफसर की इस पहल के बाद उन्होंने रुकने का फैसला किया!

आदिवासियों तक स्वास्थ्य सुविधाएँ पहुंचाने के लिए कई किमी पैदल चलता है यह डॉक्टर!

By निशा डागर

"मैंने ठाना कि अगर मरीज़ अस्पताल तक नहीं पहुंच पा रहे हैं तो अस्पताल उन तक पहुंचेगा!"