बिहार के शेखपुरा के रहने वाले डॉ. रामनंदन सिंह, रिम्स रांची से एमबीबीएस करने के बाद, बीते 35 वर्षों से अपने गांव में लोगों की मामूली फीस पर इलाज कर रहे हैं। उनके पास आसपास के कई जिलों के मरीज आते हैं।
लुधियाना में रहने वाली रूह चौधरी, पिछले कई सालों से इको-फ्रेंडली तरीकों से अपना जीवन जी रही हैं और साथ ही, वह हर दिन लगभग 75 बेसहारा जानवरों को खाना खिलाती हैं।
मज़ेदार कहानियां, रोचक साइंस एक्सपेरिमेंट और हैरान करने वाले जादू के खेल – ऐसी ही मज़ेदार एक्टिविटी के साथ बनाईए अपने बच्चों का यह वीकेंड मौज-मस्ती से भरपूर। और ये सब कुछ होगा उन लोगों की मदद करते हुए जिन्हें अभी सहायता की सबसे ज़्यादा ज़रूरत है। अभी बुक करें।
लॉकडाउन के बीच, जरूरतमंदों के लिए फंड रेज़िंग अभियान शुरू करने के अलावा डॉ मेघा भार्गव ने मुंबई और गुजरात पुलिस को 2000 से भी ज़्यादा हैंड सैनिटाइटर दिए हैं!
एक्सीडेंट में हाथ और पैर टूटने के बावजूद मंजुनाथ सुबह नौकरी करते और शाम को ऑटो चलाते हैं। रात में वह अपना ऑटो एम्बुलेंस सर्विस के लिए देते हैं और इससे हुई कमाई को दान कर देते हैं। लॉकडाउन में भी उनकी ये सेवा जारी है।