हमारा देश आज जिस स्थिति में, उसमें हर एक नागरिक को अपने कर्तव्यों और ज़िम्मेदारी का अहसास होना बेहद ज़रूरी है। लगातार बढ़ रहे कोरोना वायरस के मामलों के चलते स्थिति ठीक नहीं हैं। इस कठिन दौर में डॉक्टर, नर्स, सफाई कर्मचारी और पुलिस प्रशासन हम सबकी मदद कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ ज़रूरतमंद लोगों को राशन, दवाइयां पहुंचाने से लेकर आश्रय देने तक में आम नागरिक भी पीछे नहीं हैं। कई लोग अपने – अपने स्तर पर सहायता कार्य में जुटे हैं।
कर्नाटक के बेलगाम में मंजुनाथ पुजारी अपने ऑटो में लोगों को एम्बुलेंस की सेवाएं दे रहे हैं। उनकी सेवाएं ज़्यादातर रात के समय होती हैं, जहां अगर उन्हें रात के 2 बजे भी जाना पड़े तो कोई हर्ज नहीं। 25 मार्च 2020 से अब तक ऐसा कोई दिन नहीं गया जब मंजुनाथ किसी को अस्पताल न लेकर गए हों। वह भी बिल्कुल मुफ्त!
द बेटर इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “लॉकडाउन में सबसे ज्यादा परेशानी उन लोगों को है जिनके घरों में कोई गर्भवती महिला है या फिर बीमार बुजुर्ग हैं। मैं हमेशा लोगों की मदद करने के लिए तैयार रहता हूँ। कल ही रात, 12 बजे मैं एक गर्भवती महिला को अस्पताल छोड़कर आया। उन्हें बहुत दर्द हो रहा था, लेकिन फिर दो घंटे बाद मुझे फ़ोन आया कि उनकी डिलीवरी आज नहीं होगी तो मैं उन्हें लेने आ जाऊं। 2 बजे मैंने उन्हें फिर से अस्पताल से लिया और उनके घर छोड़कर आया।”
इतना ही नहीं, मंजुनाथ लगातार रक्तदान भी करते हैं। कुछ समय पहले ही उन्होंने एक महिला के लिए रक्तदान किया क्योंकि उन्हें डायलिसिस के दौरान खून की ज़रूरत थी। उस महिला के बेटे भारत ने कहा, “मंजुनाथ और उनके परिवार ने मेरे मुश्किल वक़्त में बहुत मदद की। उन्होंने मेरी माँ के लिए रक्तदान तो किया ही, साथ में, मुझे काफी हौसला भी दिया। भगवान, उन्हें हमेशा खुश रखे।”
मंजुनाथ सिर्फ लॉकडाउन के बाद से नहीं बल्कि पिछले कई सालों से लोगों की मदद कर रहे हैं। उनके पिता भारतीय फौज में थे और उनकी भी इच्छा यही थी कि वह सेना का हिस्सा बन कर अपने देश की सेवा करें। लेकिन एक दुर्घटना ने उनके इस सपने पर पानी फेर दिया।
एक सड़क दुर्घटना में उनका दायां पैर और बायां हाथ बुरी तरह जख्मी हो गया था। उनके पैर में रोड लगाई गई है और उनका हाथ आज भी कोई वजनदार चीज नहीं उठा पाता। फौज में जाने का सपना तो टूट गया लेकिन दिल में देश की सेवा करने का जज्बा आज भी बरकरार है।
मंजुनाथ ने टैक्सी चलाना शुरू किया, जो कभी-कभी रात के समय में मरीज़ों के लिए एम्बुलेंस भी बन जाती थी। लेकिन फिर उन्हें एक कंपनी में नौकरी मिल गई और उन्होंने टैक्सी बेच दी।
“टैक्सी बेचना मेरी गलती थी क्योंकि मुझे एक रात को इमरजेंसी में फ़ोन आया और मेरे पास कोई गाड़ी नहीं थी। मैंने पड़ोसियों की मदद से गाड़ी लेकर गया और उन्हें पहुंचाया। लेकिन उस दिन मुझे अहसास हुआ कि लोगों को वाकई मेरी ज़रूरत है और ऐसे ही मैं देश की सेवा भी कर पाऊंगा। ”
मंजुनाथ ने पैसे इकट्ठा कर एक ऑटो खरीद लिया। सुबह वह अपनी नौकरी पर जाते हैं और शाम 6 बजे से लेकर 9 बजे तक वह ऑटो चलाते हैं। इसके बाद, उनका ऑटो लोगों के लिए एम्बुलेंस की तरह काम करता है। वह शहर के आश्रय फाउंडेशन से जुड़े हुए हैं।
ऑटो चलाने से उनकी जो भी कमाई होती है, उसे वह इस फाउंडेशन में लोगों के लिए दान करते हैं। ऐसा नहीं है कि मंजुनाथ की सैलरी बहुत अच्छी है लेकिन उनका कहना है कि उनके परिवार को कम में गुज़ारा करना आता है।
मंजुनाथ ने बताया “आपको मेरे घर में टीवी, फ्रिज जैसा कोई सामान नहीं मिलेगा। क्योंकि इनके बिना हमारा घर चल सकता है लेकिन अगर किसी को मेरी वजह से दो वक़्त का खाना मिल रहा है तो वह ज्यादा ज़रूरी है। अच्छी बात यह है कि मेरा परिवार मेरे साथ है। मुझे रात को अक्सर लोगों को अस्पताल छोड़ते हुए देर हो जाती है, लेकिन मेरी पत्नी तब तक जागती है।”
लॉकडाउन में मंजुनाथ अपने घर-परिवार से पहले दूसरे लोगों के बारे में सोच रहे हैं। कोरोना वायरस का संक्रमण न हो जाए इसलिए लोग घरों से बाहर नहीं निकल रहे। लेकिन मंजुनाथ की कोशिश है कि उनकी मदद हर ज़रूरतमंद तक पहुंचे।
दो दिन पहले उन्होंने अपनी कंपनी के कुछ साथियों के साथ मिलकर, NH-4 पर फंसे कुछ लोगों को खाने-पीने के पैकेट्स भी उपलब्ध कराए। वह कहते हैं कि वह किसी नाम या शोहरत के लिए यह काम नहीं कर रहे हैं। उनका मकसद लोगों की मदद करना है और बदलें में उन्हें जो दुआएं मिलती हैं, वही उनके लिए सबकुछ है।

मंजुनाथ का नाम हाल ही में, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ है। अपने काम को आगे बढ़ाने के लिए उन्होंने एक प्रोफेशनल एम्बुलेंस लेने की सोची है। इसके लिए उन्होंने एक क्राउडफंडिंग अभियान शुरू किया है, जिसमें आप उनका सहयोग कर सकते हैं!
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अगर इस कहानी ने आपके दिल को छुआ है और आप किसी भी तरह से उनकी मदद कर सकते हैं तो उन्हें 09964375115 पर कॉल करें। किसी को अगर मदद की ज़रूरत है, तब भी आप उन्हें बेझिझक कॉल कर सकते हैं!
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