चितले ब्रांड (Chitale Bandhu) के सफर की शुरुआत, महाराष्ट्र के एक गांव से आए भास्कर गणेश चितले द्वारा की गयी थी। डेयरी फार्मिंग से शुरू हुआ यह बिजनेस आज एक बड़ा नाम बन चुका है। डेयरी के साथ मिठाई और इनके अन्य खाद्य उत्पाद देश-विदेश तक पसंद किये जाते हैं।
एक चार्ज में 75 किलोमीटर तक दौड़ने वाला यह E-scooter, IIT दिल्ली के स्टार्टअप Geliose Mobility द्वारा बनाया गया है। मात्र 20 पैसे प्रति किमी के खर्च पर चलने वाले इस EV का नाम रखा गया है 'HOPE'!
चेन्नई की अर्चना स्टालिन अपने स्टार्टअप ‘myHarvest’ के ज़रिए, जैविक खेती करने वाले किसानों का एक समुदाय बनाया है, जो ग्राहकों को सीधा किसानों से जोड़ने का काम करता है। लॉकडाउन के दौरान उनके स्टार्टअप ने तकरीबन एक करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया।
सांगली, महाराष्ट्र के एक किसान, विजय देसाई ने अंगूर की एक नयी नस्ल खोज निकाली है, जो न सिर्फ दिखने में सुन्दर है, बल्कि सामान्य अंगूर की किस्मों से ज्यादा गुणी भी है।
मुंबई की रुक्मिणी ने 2018 में अपने फ़ूड स्टार्टअप ‘द ग्रोइंग जिराफ़’ की शुरुआत बच्चों के पोषण को ध्यान में रख कर की थी। आज, उनके बनाये रागी, पीनट बटर जैसे सुपर फूड से बनी कुकीज़ और बार, बच्चों के साथ-साथ, बड़ो की भी पसंद बन चुके हैं।
इंदौर के छप्पन दुकान गली पर जॉनी हॉट डॉग की शुरुआत विजय सिंह राठौर ने तब की थी, जब वह सिर्फ 11 साल के थे। आपको यह जानकर ताज्जुब होगा कि उनके लज़ीज हॉटडॉग को पूरे एशिया प्रशांत में UberEats पर सबसे ज़्यादा ऑर्डर किए जाने वाला डिश का खिताब मिल चुका है।
त्रिलोक चंद गुप्ता, किन्नर चोकसी और दिलबर सिंह जैसे कई अभिभावक अपने बच्चों के कोचिंग क्लास की सर्विस से नाखुश थे। पूरी फीस देने के बावजूद सेवाएं वैसी नहीं थी, जैसा कि विज्ञापन में और दाखिले से पहले कहा गया था। इन परेशान अभिभावकों ने उपभोक्ता कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया और अंत में कोचिंग क्लास से भुगतान की गई फीस वापस पाने में सक्षम रहे। आईए जानते हैं कैसे हुआ ये संभव।
लॉकडाउन के दौरान गोवा के रहने वाले साईराज ढोंड ने ‘Wakao Foods' नामक स्टार्टअप शुरु किया, जिसके कटहल से बनाये रेडी टू ईट व्यंजन आपको बिलकुल चिकन जैसे लगेंगे।