MBA की डिग्री कर चुके, सत्यदेव गौतम, जब हरियाणा के पलवल जिले के भिडूकी गाँव के सरपंच बने, तब उन्होंने गाँव में बारिश के पानी को बचाने की मुहीम छेड़ी और आज यह गाँव हर साल 25 लाख लीटर बारिश का पानी बचाता है। जानिये कैसे कर दिखाया गाँववालों ने यह कमाल।
“भारत में पढ़ाई के दौरान व्यावहारिक कौशल की अपेक्षा नंबर पर ज्यादा जोर दिया जाता है। लेकिन ये ऐसे व्यावहारिक कौशल हैं जो बाद में बच्चों को न केवल नौकरी पाने में बल्कि इनोवेटर बनने में भी मदद करते हैं। ” – शोएब डार
सरपंच बताते हैं कि कुछ प्रवासी श्रमिकों ने स्कूल को चमकाया तो दूसरे भी खाली नहीं बैठे। कोई श्रमिक पौधों की देखभाल और इन्हें पानी देने के काम में जुटा है तो कोई निराई गुड़ाई करने लगता है। कोई अन्य कार्य में हाथ बंटाता है।
फोर्थ पार्टनर एनर्जी कंपनी द्वारा शुरू पावर@1 पहल के जरिए हर साल स्कूलों में हज़ारों रुपयों की बचत हो रही है। कंपनी का उद्देश्य उन लोगों तक इको-फ्रेंडली और सस्टेनेबल सौर ऊर्जा पहुँचाना हैं, जहां इसकी सबसे ज्यादा ज़रूरत है।
Haryana में यमुनानगर जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल, कैंप में विज्ञान अध्यापक के पद पर कार्यरत दर्शन लाल बवेजा को शिक्षक के साथ-साथ विज्ञान संचारक के रूप में भी जाना जाता है। बच्चों को विज्ञान के अलग-अलग सिद्धांत समझाने के लिए उन्होंने 250+ हैंड्स ऑन गतिविधियाँ तैयार की हैं।