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कभी दूसरों की मदद से पढ़ाई पूरी करने वाले अबिनाश, आज खुद के खर्च पर पढ़ा रहे हैं 300 बच्चों को

By प्रीति टौंक

चाटोशाली यानी एक ऐसी जगह जहां गांव के बच्चे इकठ्ठा होकर पढ़ाई करते हैं। अबिनाश ने ओडिशा की सालों पुरानी इस प्रथा को जिन्दा किया और संवार दिया सैकड़ों बच्चों का भविष्य।

एक युवक ने की पहल और सड़क पर रहनेवाले 300 बच्चों की बदली ज़िंदगी

By प्रीति टौंक

गोरखपुर के रत्नेश तिवारी आज खुद की एक कंपनी चलाने के साथ-साथ, ज़रूरतमंद बच्चों के बेहतर भविष्य के लिए भी काम कर रहे हैं। वह अब तक 300 से ज़्यादा बच्चों को स्कूल तक पहुंचा चुके हैं।

झुग्गी-झोपड़ी के 5 बच्चों को निःशुल्क पढ़ाने से की थी शुरुआत, आज हैं 150 बच्चों के पिता

ज़िंदगी भर अपने पिता को अपनी स्कूल की फ़ीस भरने के लिए कड़ी मेहनत करते देख, 31 साल के उद्देश्य सचान ने अपना ही नहीं, बल्कि कई गरीब बच्चों का भविष्य बनाने की ठानी और उनको फ्री में पढ़ाना शुरू कर दिया। आज कानपुर के गुरुकुलम में 150 से ज़्यादा बच्चे ख़ुशी से, खेल-कूदकर पढ़ाई करते हैं।

इस कोचिंग क्लास में मनचाही फ़ीस देकर पढ़ सकते हैं बच्चें, शहर से लौटे दो दोस्तों की पहल

तीन साल पहले शहर से पढ़ाई करके सोनभद्र लौटे दो दोस्त आज अपने गाँव में ही एक अनोखा कोचिंग सेंटर चला रहे हैं, जहाँ कोई भी बच्चा मनचाही फ़ीस देकर अच्छी शिक्षा हासिल कर सकता है।

रक्षक भी, शिक्षक भी! ड्यूटी के बाद गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं पुलिस कॉन्स्टेबल विकास कुमार

बिजनौर में तैनात UP Police कॉन्सटेबल विकास कुमार घंटों ड्यूटी करने के बाद गरीब बच्चों को मुफ्त में शिक्षा देते हैं। बच्चों को पढ़ाने के लिए उन्होंने पाठशाला खोली हैं। उनके इस नेक काम के लिए उन्हें डिपार्टमेंट से सम्मान भी मिल चुका है।

500 बच्चों को मुफ्त में पढ़ाता है ‘मिड डे मील’ बनाने वाली माँ का यह बेटा

By प्रीति टौंक

'प्रभावती वेलफेयर एंड एजुकेशन ट्रस्ट' के ज़रिए पंढरपुर (बनारस) के मनोज यादव, 15 गांवों के 500 गरीब बच्चों को उनकी बस्ती में जाकर पढ़ा रहे हैं। पढ़ें, कैसे मिली उन्हें इस काम को शुरू करने की प्रेरणा!

रोज़ छड़ी के सहारे पैदल चलकर गाँव पहुँचते हैं, ताकि पढ़ा सकें 60 ज़रूरतमंद बच्चों को

By प्रीति टौंक

कोरोना के दौरान जब गांव के बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही थी, तब 18 वर्षीय उपेंद्र यादव ने उनको पढ़ाने का बीड़ा उठाया। दिव्यांग होते हुए भी, वह हर रोज लकड़ी के सहारे दो किमी पैदल चलकर 60 बच्चों को पढ़ाने जाते हैं।

गरीब छात्रों के लिए 4 दोस्तों ने शुरू की फ्री ऑनलाइन क्लास, 120 बच्चों ने पास की JEE

By निशा डागर

मुंबई के सुमित शर्मा, रोबिन मंडल, डॉ. अविनाश द्विवेदी और सौरभ संतोष ने पथ प्रदर्शक फाउंडेशन की शुरुआत की है, जिसके ज़रिए, वह गरीब और ज़रूरतमंद छात्रों को मुफ्त में ऑनलाइन कोचिंग दे रहे हैं!

दिल्ली पुलिस: गरीब बच्चों की पढ़ाई पर पूरी कमाई खर्च कर देते हैं कांस्टेबल अमित लाठिया

By निशा डागर

हरियाणा के सोनीपत में रहने वाले अमित लाठिया दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल हैं और पिछले लगभग 7 सालों से 100 से ज़्यादा गरीब बच्चों की कोचिंग और रहने-खाने का खर्च उठा चुके हैं!