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जानिए कैसे लॉकडाउन में प्रोसेसिंग से टमाटर और प्याज को बचा रहे हैं ये गाँववाले!

By निशा डागर

"लॉकडाउन में दो चीजों की कोई कमी नहीं है एक तो समय और दूसरा सूरज। तो हमने सोचा कि क्यों न इन दोनों का उपयोग कुछ भलाई के लिए किया जाए!"

फोल्डिंग से लेकर इलेक्ट्रिक तक, बांस की इको-फ्रेंडली साइकिल बना रहा है यह शख्स!

By निशा डागर

बांस से साइकिल बनाने के इस हुनर को कैप्टेन पाठक ग्रामीण भारत तक ले जाना चाहते हैं ताकि बांस की खेती करने वाले किसानों और गाँव के युवाओं के लिए आय के साधन बन सकें!

मुंबई: 10,000 किसानों के 300 से ज्यादा जैविक उत्पाद सीधे बाज़ार तक पहुंचा रही है यह युवती

By पूजा दास

मुंबई की उद्यमी कहती है, “मेरा अंतिम लक्ष्य छोटे पैमाने के किसान समुदायों को सशक्त बनाना है। मैं उन्हें आत्मनिर्भर बनाने में मदद करना चाहती हूं।'' #FarmersFirst #WomenEntrepreneurs

पंजाब: अधिकारी ने बदली किसानों की किस्मत, गिरे हुए फलों से सिखाया खाद और क्लीनर बनाना

By पूजा दास

आमतौर पर कीनू की खेती करने वाले किसानों के लिए बड़ी परेशानी उनके उत्पादन का 40% हिस्सा बर्बाद हो जाना है, इसकी वजह है फलों का पकने से पहले प्राकृतिक रूप से गिर जाना। विपेश गर्ग के इस समाधान ने किसानों को होने वाले नुकसान से तो बचाया ही साथ ही अब किसानों की अतिरिक्त आय भी हो रही है।

मल्टीनेशनल की नौकरी छोड़ी, केंचुआ खाद बेचकर कमाते हैं करोड़ों

उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, गुजरात, उड़ीसा, असम सहित कुल 14 राज्यों में करीब आठ हजार यूनिट स्थापित हैं। इनमें 80 के करीब यूनिट्स अकेले मेरठ जिले में हैं।

बांस की खेती से करोड़पति बना महाराष्ट्र का यह किसान!

By निशा डागर

पाटिल ने जब बांस की खेती करना शुरू किया तब उनके सिर पर दस लाख रुपये का कर्ज था, लेकिन बांस की खेती ने न सिर्फ उन्हें कर्जमुक्त किया बल्कि आज पूरे देश में उनकी एक अलग पहचान है!

रिटायर्ड पुलिस अफसर ने 500+ किसानों को जोड़ा जैविक खेती से!

By निशा डागर

रिटायरमेंट के बाद मनोहरण ने जैविक खेती को लक्ष्य बनाकर दूसरे किसानों को ट्रेनिंग देना शुरू किया। उनके फार्म में 70 से ज्यादा तरह के पेड़ हैं, और वह खुद जैविक खाद और हर्बल पेस्टीसाइड बनाते हैं। साथ ही वह अपने संगठन के जरिए कई किसानों को रासायनिक खेती से निजात दिला रहें हैं।

6000 किसानों के साथी बने ये दोनों क्लासमेट, अच्छी-खासी नौकरी छोड़ चुनी गाँव की डगर!

By द बेटर इंडिया

मनीष कुमार और पूजा भारती, IIT खड़गपुर में बैचमेट थे। साल 2016 में उन्होंने साथ मिलकर 'बैक टू विलेज' की नींव रखी, जिसके ज़रिए उनका उद्देश्य किसानों का उत्थान करना है!

बेस्ट ऑफ़ 2019: जब भारतीयों के देसी जुगाड़ बन गए नेशनल अवॉर्ड विनिंग इनोवेशन!

By द बेटर इंडिया

हर समस्या को किसी न किसी 'जुगाड़' से हल कर लेना हम भारतीयों को जैसे विरासत में मिला है!

बेस्ट ऑफ़ 2019 : द बेटर इंडिया पर सबसे ज्यादा पढ़ी गयी इन किसानों की कहानियाँ!

By द बेटर इंडिया

इस साल 'द बेटर इंडिया' पर जिन भी किसानों की कहानियाँ लिखी गयी हैं, सभी अपने आप में खास हैं। पर आज हम उन कहानियों को एक बार फिर आपके सामने रख रहे हैं, जिन्हें आपने सबसे ज़्यादा पढ़ा और सराहा है!