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Eco-friendly and sustainable energy

दिल्ली शहर के बीचोंबीच प्रकृति से घिरा है यह अनोखा मिट्टी का घर

दिल्ली की गर्मी में भी, बिना पंखे और AC के कोई रह सकता है क्या? जी हाँ, लेकिन सिर्फ़ मिट्टी से बने 'वन भोज' में!

नीम, गुड़ और मेथी के इस्तेमाल से राजस्थान की युवा डिज़ाइनर ने बनाया सपनों का आशियाना

सस्टेनेबिलिटी, पारम्परिक आर्किटेक्चर और लोकल कारीगरी का एक दुर्लभ नमूना है राजस्थान के अलवर शहर में बना यह मिट्टी का घर, जो Mud Kothi के नाम से मशहूर है। Sketch Design Studio की फाउंडर और युवा डिज़ाइनर शिप्रा सिंघानिया सांघी ने इसे बनाया है।

बेंगलुरु में बनाया मिट्टी का घर, नहीं लिया बिजली कनेक्शन, जीते हैं गाँव जैसा जीवन

By निशा डागर

बेंगलुरु में इको फ्रेंडली घर में रहने वाले चोक्कलिंगम और उनका परिवार पिछले लगभग 14 सालों से अपनी जीवनशैली को प्रकृति के अनुकूल ढालने के लिए प्रयासरत हैं।

एक घर ऐसा भी: न कोई केमिकल घर आता है, न कोई कचरा बाहर जाता है

By निशा डागर

देहरादून, उत्तराखंड की रहनेवाली, 47 वर्षीया अनीशा मदान पिछले 12-13 सालों से स्वस्थ और इको-फ्रेंडली जीवन जी रही हैं। जानिए कैसे आया यह बदलाव।

बिजली-पानी मुफ्त और खाना बनता है सोलर कुकर में, बचत के गुर सीखिए इस परिवार से

By निशा डागर

गुजरात के भरुच में रहनेवाली 29 वर्षीया अंजलि और उनका परिवार 'सस्टेनेबल' तरीकों से जीवन जी रहा है।

न बिजली-पानी का बिल, न सब्जी-फल का खर्च, कच्छ की रेतीली जमीन पर बनाया आत्मनिर्भर घर

By प्रीति टौंक

कच्छ का भुज शहर, अपनी रेतीली मिट्टी और कम वर्षा के लिए जाना जाता है, लेकिन भुज के गोर परिवार ने एक ऐसा हरा-भरा आशियाना बनाया है, जो पूरी तरह से इको फ्रेंडली है और आत्मनिर्भर है।

पुणे के इस अस्पताल में नहीं पड़ती AC की ज़रूरत, वजह है एक पारंपरिक तकनीक

By प्रीति टौंक

देश की कई जानी-मानी इमारतें डिज़ाइन कर चुके मुंबई के 'IMK आर्किटेक्ट्स फर्म' ने हाल ही में पुणे में एक अस्पताल बनाया है, जिसे लंदन, Surface Design Awards की ओर से सर्वश्रेष्ठ डिज़ाइन का अवॉर्ड मिला है।

कृषि-कचरे से मात्र 3 महीने में बना दिया कोविड केयर सेंटर, बिजली पर नहीं निर्भर

By प्रीति टौंक

उत्तर प्रदेश की आर्किटेक्ट श्रीति पांडे ने कृषि-कचरे से पंजाब और बिहार में मात्र 3 महीने में दो कोविड केयर सेंटर बना दिए।

बिना सीमेंट के बनाया घर, पीते हैं बारिश का पानी, नहाने-धोने से बचे पानी से उगाते हैं सब्जी

By निशा डागर

राजस्थान के डूंगरपुर में रहने वाले सिविल इंजीनियर, आशीष पंडा और उनकी पत्नी, मधुलिका से जानिए एक इको-फ्रेंडली और स्वस्थ जीवन जीने के टिप्स।

लाखों की नौकरी छोड़, किया सैनिटरी पैड बनाने का काम, आदिवासी महिलाओं को दिया सम्मानित जीवन

रांची के रहने वाले वन्या वत्सल और गुंजन गौरव ने अपनी नौकरी छोड़, सेनेटरी पैड बनाने का बिजनेस शुरू किया। इसके तहत उनका उद्देश्य वंचित महिलाओं को एक सम्मानित जीवन और रोजगार का बेहतर साधन देना है।