एक गरीब माँ को अपने दिव्यांग बच्चे के साथ देखकर, आगरा के अनिल जोसेफ को ऐसे और बच्चों की मदद करने का ख्याल आया। उन्होंने ऐसे गरीब और बेसहारा दिव्यांग बच्चों के लिए एक एनजीओ शुरू करके एक शेल्टर होम बनाया, जो आज 75 विशेष बच्चों का घर बन चुका है।
बनारस के सत्यप्रकाश मालवीय सिर्फ 25 साल के हैं. उन्होंने बचपन में ही अपनी आँखों की रौशनी खो दी थी, लेकिन जज़्बा ऐसा कि आज अपने साथ-साथ 10 और महिलाओं व दिव्यांगजनों को रोजगार देने में सक्षम हैं।