कोरोना काल में जब थाली में दाल को भी तरस रहा था पूरा गांव, इन महिला किसानों ने छोटी सी जमीन पर किचन गार्डन लगा कर पूरे साल के लिए फल, सब्जियां और जड़ी बूटियों का इंतजाम किया और अपने पड़ोसियों की मदद भी की।
झारखंड के इस गाँव के बच्चों के पास शहरी बच्चों की तरह न स्मार्ट फोन था न इंटरनेट, ऐसे में उनके प्रिंसिपल डॉ. सपन कुमार ने यह कदम न उठाया होता तो शायद वे शिक्षा से वंचित ही रह जाते।
स्वदेशी वेंटिलेटर से लेकर प्रोटोटाइप आइसोलेशन वार्डों तक, ये नए इनोवेशन #CoronavirusPandemic के खत्म होने के बाद भी भारत को संक्रमण से निपटने में काफी फायदेमंद साबित होंगे।