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सालों से ज़रूरतमंद कैंसर मरीज़ों की कर रहे हैं मदद, नेक काम में साथ देने विदेश से लौटी बेटी

फरीदाबाद के रहने वाले 81 साल के पंकज बंगा AIIMS सहित कई कैंसर हॉस्पिटल्स में जाकर मरीज़ों की मदद करते हैं। इस काम में उनकी बेटी प्रियंका बंगा भी उनका साथ दे रही हैं।

स्किन कैंसर से 21 वर्षीया सहेली की मौत, बनी इस स्किन केयर ब्रांड को शुरू करने की वजह

By प्रीति महावर

दिल्ली की नंदीता मनचंदा अपने ब्रांड Enn’s Closet के तहत, त्वचा और बालों के लिए, वीगन, नेचुरल और हाथों से बने उत्पाद बना रही हैं।

80% भारतीयों में है विटामिन D की कमी, प्रभावित होती है इम्यूनिटी, सूर्य का प्रकाश है जरूरी

By पूजा दास

भारत में, लगभग सभी स्कूली बच्चों, 74% गर्भवती महिलाओं और 67% तक शिशुओं में विटामिन डी की कमी है। हम में से अधिकांश लोग घर के अंदर ही काम कर हैं, जिससे हमारे शरीर को उचित मात्र में यूवीबी किरणें नहीं मिल पाती।

कैंसर को हराया, नौकरी छोड़ी और महज़ पांच एकड़ में खिलाये गुलाब, गोभी और ड्रैगन फ्रूट भी!

By साधना शुक्ला

“11 साल हो गए होंगे, जब मुझे कैंसर हो गया था, पीजीआई के डॉक्टरों ने आधा गाल काटकर निकाल दिया, जान तो बच गई, पैसे भी बहुत खर्च हुए लेकिन उसके बाद संभलना बहुत मुश्किल हो गया था। आपरेशन के बाद जब मैं ठीक हुआ तो सबसे पहले ये काम किया कि ऐसी खेती करनी है जिसमें नुकसान न हो।"

पैप स्मीयर: क्यों 21 से ज्यादा उम्र की महिलाओं को नहीं करना चाहिए इसे अनदेखा?

By पूजा दास

आमतौर पर, सर्वाइकल कैंसर के शुरुआती चरण में किसी तरह के संकेत या लक्षण नज़र नहीं आते हैं। इसलिए, समय-समय पर टेस्ट कराना जरूरी है।

स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी में हुए कई बदलाव, कोरोना भी आएगा पॉलिसी के दायरे में!

By पूजा दास

IRDAI ने बीमा कंपनियों को निर्देश दिया है कि कोरोना को भी हेल्थ इंश्योरेंस के तहत कवर किया जाए।

बेस्ट ऑफ़ 2019: इस साल 'नारीशक्ति' का प्रतीक रहीं महिलाओं की कहानियां!

By द बेटर इंडिया

साल 2019 के अंतिम पड़ाव पर एक बार फिर पढ़ते हैं 'नारीशक्ति' की उन कहानियों को जो हर एक पीढ़ी के लिए हौसले की मिसाल रहेंगी!

पुणे: कैंसर से लड़ते हुए शहर की 100 दीवारों को बना रहे हैं ख़ूबसूरत!

By तोषिनी राठौड़

पहले शहर की गन्दगी की ओर लोगों का रवैया बेहद उदासीन था, लेकिन उनकी खूबसूरत पेंटिंग्स ने वो कमाल कर दिखाया है कि अब लोग अपनी मर्ज़ी से इन खूबसूरत दीवारों के आसपास साफ़-सफाई रखने लगे हैं।

20 लाख+ महिलाओं का किया हेल्थ चेक अप, ब्रेस्ट कैंसर को फर्स्ट स्टेज में ही रोकने की है मुहिम!

By निशा डागर

डॉ. ध्रुव कक्क्ड़ एक अच्छे अस्पताल में कार्यरत थे और डॉ. प्रियांजलि उनके यहां इंटर्नशिप कर रही थीं। वे चाहते तो बड़े अस्पतालों में काम करते हुए आराम की ज़िंदगी गुजारते। लेकिन उनका जूनून स्वास्थ्य सुविधाओं को घर-घर तक पहुँचाना है!