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Bhopal Gas Tragedy में लाखों ज़िंदगियां बचाने वाले गुमनाम नायक की कहानी

The Railway Men- कहानी है एक स्टेशन मास्टर गुलाम दस्तगीर की, जिनसे अपने और अपने परिवार की परवाह किए बिना भोपाल गैस त्रासदी के समय हजारों लोगों की जान बचाई।

48 की उम्र में खुद सीखा पहाड़ चढ़ना, 50 साल की उम्र में पूरा किया पर्वतारोही बनने का सपना

By प्रीति टौंक

मिलिए भोपाल (मध्यप्रदेश) की 53 वर्षीया ज्योति रात्रे से, जिनके जज्बे ने उन्हें 50 की उम्र में न सिर्फ एक पर्वतारोही बनाया, बल्कि उन्होंने यूरोप की सबसे ऊँची छोटी माउंट एलब्रुस को इस उम्र में फतह करके एक रिकॉर्ड भी बनाया।

घर का कबाड़ बेचने में आई दिक्कत तो मिला बिज़नेस आइडिया, आज हो रही करोड़ों की कमाई

By प्रीति टौंक

भोपाल का ‘द कबाड़ीवाला’ देश के पांच शहरों से कबाड़ इकट्ठा करके उसे रीसायकल करने का काम कर रहा है। इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने के बाद, मध्यप्रदेश के अनुराग असाटी और उनके पार्टनर कवीन्द्र रघुवंशी ने इसकी शुरुआत की थी।

1200+ किसानों को जोड़ा जैविक खेती से, उन्हीं की उपज खरीदकर, खड़ी की लाखों की कंपनी

By निशा डागर

भोपाल, मध्य प्रदेश की रहने वाली एक सफल महिला किसान, प्रतिभा तिवारी ने, न सिर्फ किसानों को जैविक खेती से जोड़ा, बल्कि उनकी उपज खरीदकर अपनी फ़ूड कंपनी 'भूमिशा ऑर्गेनिक्स' की भी नींव रखी, जिससे वह लाखों कमा रही हैं।

ड्रैगन फ्रूट, इंसुलिन, कॉफी और मुलैठी तक उगाते हैं छत पर, बाजार से खरीदते हैं सिर्फ आलू

By निशा डागर

भोपाल में रहने वाले रविंद्र जोशी, छत पर बागवानी करते हुए, लगभग हर तरह के फल और सब्जियां उगा रहे हैं।

भोपाल की साक्षी ने नारियल के खोल और प्लास्टिक बोतलों में उगाये 4000 से ज्यादा पौधे

By प्रीति महावर

भोपाल की 25 वर्षीया साक्षी भारद्वाज ने रीसायकल किये हुए प्लास्टिक के डिब्बों और बोतलों में 450 प्रजातियों के 4000 से ज़्यादा पौधे उगाये हैं।

बिना मिट्टी के, अपनी छत पर 300 से भी ज्यादा पेड़-पौधे उगा रहे हैं भोपाल के तरुण उपाध्याय

By निशा डागर

मध्य-प्रदेश के भोपाल में रहने वाले तरुण उपाध्याय पिछले 6 साल से टेरेस गार्डनिंग कर रहे हैं और खुद अपना खाना उगा रहे हैं!

कंक्रीट जंगल के बीच हरियाली, 19 वर्षीय छात्र ने बदल दी भोपाल की काया!

By निशा डागर

ज़ुबेर ने 36 स्क्वायर फीट की छोटी-सी जगह में भी लोगों के लिए गार्डन तैयार किए हैं। उनका उद्देश्य लोगों को अर्बन गार्डनिंग की सुविधाएं देना है!

हर रोज़ 70 जानवरों को खाना खिलाती है 15 साल की यह बच्ची!

By निशा डागर

चांदनी ने बेसहारा जानवरों के लिए एक शेल्टर होम भी शुरू किया है, जहां फ़िलहाल 55 बेजुबानों को वक़्त पर खाना और मेडिकल ट्रीटमेंट मिल रहा है!

हर महीने बचाते हैं कुछ पैसे, ताकि गरीब बच्चों का जीवन संवार सकें!

By नीरज नय्यर

कुछ साल पहले सड़क पर भीख मांगते बच्चों को देखकर नवीन के मन में उन्हें शिक्षित करने का ख्याल आया, ताकि वह इज्जत के साथ रोजी-रोटी कमा सकें।