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भोपाल: 100 से ज़्यादा बेसहारा कुत्ते रहते हैं यहाँ प्यार, सौहार्द और सम्मान से!

By नीरज नय्यर

जब कुत्तों के बीच रहते हुए आप सुरक्षित रूप से बड़े हो गए, तो आपका बच्चा भी सुरक्षित है, क्योंकि कुत्ते बेवजह किसीको परेशान नहीं करते। प्रेम बांटने पर प्रेम ही मिलता है, नफरत नहीं।’

सिर्फ पेड़ ही नहीं लगाते, उनकी देखभाल कर बड़ा भी करते हैं उमाशंकर तिवारी!

By नीरज नय्यर

उमाशंकर अब तक 1200 से ज्यादा पौधे लगा चुके हैं, इनमें से कई पौधे पेड़ बन चुके हैं। वे प्लास्टिक का उपयोग नहीं करने के लिए भी लोगों को जागरुक करते हैं।

डूबने से हुई थी बेटे की मौत, जलाशयों को सुरक्षित बना रहे हैं माता-पिता!

By नीरज नय्यर

विश्वास एवं प्रतिभा समस्या की जड़ तक पहुँचे और उसके हल के लिए ज़मीन- आसमान एक कर दिया। ये उनके प्रयासों का ही नतीजा है कि 21 मार्च 2015 के बाद से लेकर आज तक 'मौत के कुएँ' में फिर किसी के घर का चिराग नहीं बुझा।

इनके प्रयासों से भोपाल में लगे हैं 500 से ज्यादा पौधे, कई वयस्क होकर दे रहे छाया !

By नीरज नय्यर

‘विकास की जो राह हमने पकड़ी है इसके अंत में सिर्फ तबाही है। लेकिन इसे रोकना मुश्किल है, इसलिए नुकसान को कम करने के प्रयास किए जा सकते हैं और इसके लिए आम लोगों को भी आगे आना होगा’।

घर-घर से पुराने कपड़े इकट्ठा कर, धोकर-प्रेस करके ग़रीबों में बांटती है भोपाल की यह गृहिणी!

By नीरज नय्यर

मनीषा गरीबों में केवल कपड़े ही नहीं बांटतीं, बल्कि झुग्गी बस्तियों में जाकर छोटे बच्चों से उनके जन्मदिन पर केक भी कटवाती हैं। इस वजह से बच्चे उन्हें ‘केक वाली दीदी’ कहकर पुकारते हैं।