बेंगलुरु के मेट्रोपोलिस गुरुकृपा अपार्टमेंट परिसर के बोरवेल, साल 2018 में सूखने लगे थे। वहां, जब पानी की किल्लत होने लगी, तो लोगों ने पानी के टैंकर खरीदने का मन बना लिया, लेकिन इसी अपार्टमेंट में एक शख्स ऐसा भी था, जिसे पानी के टैंकरों की जरूरत नहीं थी।
बेंगलुरु में इको फ्रेंडली घर में रहने वाले चोक्कलिंगम और उनका परिवार पिछले लगभग 14 सालों से अपनी जीवनशैली को प्रकृति के अनुकूल ढालने के लिए प्रयासरत हैं।
मंजू नाथ और उनकी पत्नी गीता ने बेंगलुरु जैसे बड़े शहर में इको फ्रेंडली घर बनाया है। बिजली-पानी के साथ, अपने उपयोग के लिए सब्जियां उगाने के लिए भी वे प्राकृतिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।
बेंगलुरु की रहने वाली सुशीला राय एक होम बेकर और केक आर्टिस्ट हैं, लेकिन इसके साथ ही, उनके जानने वाले उन्हें 'जुगाड़ क्वीन' भी कहते हैं क्योंकि, पुरानी-बेकार चीजों को नया रूप देकर फिर से इस्तेमाल में लेने में वह माहिर हैं।
कर्नाटक के तुमकुर में रहने वाले जैन सनी हस्तीमल ने लगभग सात साल पहले, बेसहारा जानवरों को पानी पिलाने के लिए Water For Voiceless अभियान की शुरुआत की थी।