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नीम, गुड़ और मेथी के इस्तेमाल से राजस्थान की युवा डिज़ाइनर ने बनाया सपनों का आशियाना

सस्टेनेबिलिटी, पारम्परिक आर्किटेक्चर और लोकल कारीगरी का एक दुर्लभ नमूना है राजस्थान के अलवर शहर में बना यह मिट्टी का घर, जो Mud Kothi के नाम से मशहूर है। Sketch Design Studio की फाउंडर और युवा डिज़ाइनर शिप्रा सिंघानिया सांघी ने इसे बनाया है।

'मिट्टी का घर हमेशा कच्चा नहीं होता' राजस्थान के इस फार्म हाउस को देखकर आपको यकीन हो जाएगा

राजस्थान के चित्तौड़गढ़ का जैन परिवार हमेशा से प्रकृति के बीच रहना और समय बिताना चाहता था। उनकी इस इच्छा को पूरी करने में उनका साथ दिया अर्किटेक्ट श्रेया श्रीवास्तव ने। उन्होंने एक ऐसा फार्म हाउस बनाया है जो इको-फ्रेंडली होने के साथ-साथ बेहद खूबसूरत भी है।

रेगिस्तान की तपती धूप में एक नज़ारा ऐसा भी, गरीब बच्चियों के लिए बना सस्टेनेबल स्कूल

By अर्चना दूबे

Rajkumari Ratnavati Girls School को न्यूयॉर्क की डायना केलॉग ने डिज़ाइन किया है। राजस्थान में महिला साक्षरता दर महज 32% है। ऐसे में जैसलमेर के कनोई गाँव का यह स्कूल लड़कियों को एक नई उमंग दे रहा है।

स्वदेशी तकनीक और स्थानीय मज़दूर, ये आर्किटेक्ट कर चुके हैं बेहतर कल की शुरुआत

कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के लिए मिट्टी का उपयोग करना एक शानदार तरीका है। यह न केवल बायोडिग्रेडेबल है, बल्कि यह हर जगह आसानी से उपलब्ध है, इसलिए इसे आसानी से बिल्डिंग तकनीकों में शामिल किया जा सकता है। इसके अलावा मिट्टी का उपयोग करने से गर्मियों में अंदर का तापमान ठंडा होता है और सर्दियों में गर्म।

30% सस्ता और बिजली बिल में कटौती- ऐसे टिकाऊ घर बनाती है मुंबई की यह जोड़ी

By पूजा दास

22 लाख के कम बजट से लेकर 3-5 किलोमीटर के दायरे से स्थानीय निर्माण सामग्री खरीद कर मुंबई में unTAG द्वारा बनाया गया बंगला, सस्ता और टिकाऊ घर का उदाहरण बन गया है।

बांस और कचरे से महज़ 4 महीने में बनाया सस्ता, सुंदर और टिकाऊ घर

घर में ग्राउंड फ्लोर को मिलाकर कुल दो फ्लोर हैं और हर फ्लोर में दो लेवल हैं। साथ ही इस निर्माण प्रक्रिया में इस्तेमाल की जाने वाली 90 प्रतिशत सामग्री रिसाइकल्ड है।

केरल के इस दंपति ने ऐसा क्या किया कि 6000 रू. के बदले आया 150 रू. का बिजली बिल!

By पूजा दास

लीना और रवि के एक फैसले ने, न केवल बिजली के बिल को कम कर दिया बल्कि अब वे पर्यावरण को स्वच्छ रखने में भी योगदान दे रहे हैं।