Powered by

Latest Stories

HomeTags List मुस्लिम

मुस्लिम

सुरैया आपा – वे कारीगरों की उंगलियों में पिरोती हैं जादुई तिलिस्‍म!

By अलका कौशिक

बेसहारा औरतों को करघों पर तालीम दी जाने लगी, तो इनके बच्चों की पढ़ाई की ज़िम्मेदारी भी आपा ने खुद ओढ़ ली और वर्कशॉप के बाजू में ही अंग्रेज़ी मीडियम का साफरानी स्कूल खोला। अब माँएं दिनभर करघों पर काम करती हैं और निश्चिंत भी हो गई हैं कि उनके बच्चों का भविष्य स्कूल की दीवारों के बीच संवर रहा है।

मुसलमानों के रहबर-ए-आज़म और हिन्दुओं के दीनबंधु, जिनकी वजह से बने किसानों के हित में कानून!

By निशा डागर

मुस्लमानों के रहबर-ए-आज़म और हिन्दुओं के दीनबंधु सर छोटूराम का जन्म 24 नवम्बर 1881 में झज्जर के छोटे से गांव गढ़ी सांपला में बहुत ही साधारण किसान परिवार में हुआ। उन्होंने वकालत की डीग्री ली। ताउम्र उन्होंने किसानों और गरीबों के लिए काम किया। 9 जनवरी 1945 को उनका निधन हुआ।

दो हिन्दू व मुस्लिम क्रांतिकारियों की दोस्ती का वह किस्सा जो फांसी के फंदे पर खत्म हुआ!

By निशा डागर

अशफाक उल्ला खान 22 अक्टूबर 1900 को ब्रिटिश भारत के उत्तर प्रदेश के जिले शाहजहांपुर में पैदा हुए थे। किशोरावस्था से ही उन्हें उनकी शायरी के चलते लोग पहचानने लगे थे। वे 'हसरत' उपनाम के साथ अपनी शायरी लिखते थे। वे काकोरी कांड के मुख्य क्रांतिकारी थे। उनकी और रामप्रसाद बिस्मिल की दोस्ती जग-जाहिर थी।

26 सालों से हिन्दू भाईयों के वापस आने की उम्मीद में मंदिर की देखभाल करते है इस गाँव के मुसलमान!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के मुज़फ्फरनगर के लद्देवाला क्षेत्र में पिछले 26 सालों से मुस्लिम परिवार एक मंदिर की देख-रेख कर रहे हैं। दरअसल, साल 1990 में बाबरी मस्जिद के गिरने के बाद इस क्षेत्र में भी दंगों की आग भड़की। और इसी के चलते यहां रह रहे 20 हिन्दू परिवार यह जगह छोड़कर चले गए।

मिलिए यूपी के रामवीर कश्यप से, 120 साल पुरानी मस्जिद की कर रहे हैं देखभाल!

By निशा डागर

उत्तर-प्रदेश के मुज़फ्फरनगर के नन्हेड़ा गांव में पिछले 25 सालों से एक मिस्त्री (मकान बनाने वाला) लगभग 120 साल पुरानी मस्जिद का रख-रखाव कर रहा है। 59 वर्षीय रामवीर कश्यप के लिए यह उनका 'धार्मिक' कर्तव्य है। आश्चर्य की बात यह है कि इस गांव में एक भी मुस्लिम नहीं है।

केरल: बाढ़ के बाद मिला सद्भावना का सन्देश, मुस्लिम युवाओं ने किये मंदिर साफ़!

By निशा डागर

केरल की बाढ़ में हिन्दू और मुसलमान के बीच के मतभेद जैसे बाह गए हों। जी हाँ, वायनाड और मलप्पुरम में दो मुस्लिम युवा संगठन मिलकर मंदिरों की सफाई में जुटे हैं। बाढ़ के बाद हर जगह मिट्टी और गंदगी है। ऐसे में वायनाड के वन्नियोडे श्री महा विष्णु मंदिर की सफाई कुछ मुस्लिम लड़कों ने शुरू की।

किराए के घर से निकाले जाने की मुश्किल में दुर्गा पूजा समिति ने दिया मुसलमान डोक्टरों का साथ!

By निशा डागर

पश्चिम बंगाल के कोलकाता के कूड़घाट क्षेत्र में 4 डॉक्टरों को मुस्लिम होने के वजह से परेशानी उठानी पड़ी। लेकिन ऐसे में उनके पड़ोसी व मकान मालिक ने साम्प्रदायिक सह्रदयता की मिसाल कायम की। उन्होंने यह निश्चित किया कि इन चारों लड़कों को घर खाली न करना पड़े।

मुंबई पुलिस का सराहनीय कार्य, 1500 की भीड़ से बचाई 2 वर्षीय बच्चे सहित पांच लोगों की जान!

By निशा डागर

महारष्ट्र में 1 जुलाई, 2018 की रात लगभग 11 बजे मालेगांव के पुलिस अधीक्षक, आईपीएस अफसर हर्ष ए. पोद्दार को मदद के लिए एक फ़ोन आया। दरअसल, लगभग 1500 लोगों की भीड़ एक पांच-सदस्यी परिवार को मारने के लिए आतुर थी। क्योंकि उन्हें संदेह था कि यह परिवार अपहरणकर्ता है। लेकिन पुलिस की समय-रहते कार्यवाही ने इस परिवार की जान बचायी।

1992 मुंबई दंगों में इस परिवार ने बचाई थी शेफ विकास खन्ना की जान, आज 26 साल बाद मिले दुबारा!

By निशा डागर

न्यूयॉर्क स्थित मशहूर शेफ विकास खन्ना हर रमज़ान में एक रोज़ा रखते हैं। वे ऐसा साल 1992 में मुंबई दंगों के बाद ऐसा कर रहे हैं जिसमें एक मुस्लिम परिवार ने उनकी जान बचायी थी। 26 सालों बाद, हाल ही में वे फिर से उस परिवार से मिल पाए हैं। उन्होंने ट्वीट कर अपनी ख़ुशी जाहिर की।

इस मुस्लिम युवक ने रोज़ा तोड़ बचायी एक अंजान हिन्दू की जान, रक्तदान करने के लिए खाया खाना!

By निशा डागर

जहां एक तरफ आये दिन देश में राजनैतिक दल धर्म और जाति के नाम पर लोगों को बांटकर अपनी रोटियां सेंकते हैं वहीं देश के युवाओं की सोच दिन-प्रतिदिन इन धर्म और जात-पात के पाखंडो से ऊपर उठ रही है। देहरादून के आरिफ़ खान इसी उम्दा सोच का उदहारण है जिन्होंने एक इंसान की जान बचने के लिए धर्म को नहीं बल्कि इंसानियत को महत्व दिया।