पुणे की एक गृहिणी वैष्णवी पाटिल कहती हैं, "हर बीज का हक है पौधा बनने का और पौधे से पेड़ बनने का, उनका हक हमें देना चाहिए।" आइए जानते हैं शहर में रहकर भी वह कैसे प्रकृति की हिफाजत और देखभाल कर रही हैं।
महाराष्ट्र के पुणे में रहने वाले 29 वर्षीय प्रदीप जाधव, साल 2018 से अपना फर्नीचर और होम डेकॉर का बिज़नेस चला रहे हैं। उनके स्टार्टअप का नाम ‘Gigantiques’ है, जिसके अंतर्गत, वह इंडस्ट्रियल वेस्ट को अपसायकल करके, फर्नीचर और होम डेकॉर का सामान बनाते हैं।
महाराष्ट्र के सोलापुर में रहने वाले गौरव जक्कल और उनका परिवार पिछले 50 सालों से गार्डनिंग कर रहा है। यह टेरेस गार्डन उनकी दादी, लीला ने शुरू किया था, जो आज एक मशहूर नर्सरी का रूप ले चुका है।
महाराष्ट्र के नंदुरबार जिले के IAS ऑफिसर डॉ. राजेंद्र भारूड़ ने कोरोना की दूसरी लहर के बीच पर्याप्त ऑक्सीजन सप्लाई, बेड, एक नियोजित टीकाकरण अभियान और व्यवस्थित तैयारी के साथ, जिले को बचाये रखने में कामयाबी हासिल की है।
अहमदनगर, महाराष्ट्र के 11 किसानों ने लॉकडाउन के दौरान, ‘KisanKonnect’ नामक कंपनी बनाई, जिसका उद्देश्य मुंबई, पुणे के ग्राहकों को बिना किसी बिचौलिये के सब्जियां बेचना और अधिक मुनाफा कमाना है।
मुंबई की मशहूर फूडचेन ‘जंबोकिंग बर्गर' के मालिक, धीरज गुप्ता बता रहे हैं, कैसे उन्होंने 'मेक इन इंडिया' पर ध्यान केंद्रित करते हुए, एक स्ट्रीटफूड वड़ा पाव को रीब्रांड किया और फूड बिजनेस में आगे बढ़े।
महाराष्ट्र में ठाणे की रहने वाली गार्डनिंग एक्सपर्ट, 37 वर्षीया एनेट मैथ्यू बता रही हैं कि आप छुट्टियों के दौरान, घर से दूर रहकर भी पौधों को पानी देने के साथ-साथ, उनकी देखभाल भी कर सकते हैं। पढ़िए ये लेख!
कोल्हापुर, महाराष्ट्र के रहने वाले इंजीनियर सिद्धार्थ भाटवडेकर ने अपनी 23 साल पुरानी वॉशिंग मशीन को कबाड़ में देने की बजाय, इसे खुद अपसायकल करके इससे दो कंपोस्टिंग बिन बनाई हैं। वह अब तक कई #DIY प्रोजेक्ट्स करके कुत्ते के रहने के लिए कैनल, 'बर्ड बाथ’ ‘फीडर' जैसी कई चीजें बना चुके हैं।