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'पद्म श्री'

पद्म श्री से सम्मानित इस किसान ने 80 हज़ार से ज़्यादा किसानों को सिखाया है 'प्रोडक्शन मैनेजमेंट'!

By तोषिनी राठौड़

"देश के प्रति मेरी ज़िम्मेदारी को अब नाम मिल गया है, इसलिए मैं दुगुनी मेहनत कर इस सम्मान की गरिमा बनाने का प्रयत्न करता हूँ।"

निराला : ध्रुपद : गुंदेचा बंधु : अंतिम प्रणाम

By मनीष गुप्ता

आइये एक चाय पद्म श्री रमाकांत गुंदेचा जी के नाम पी जाए. जिनका कुछ दिनों पहले 57 वर्ष की अल्पायु में आकस्मिक निधन हुआ है.

मात्र तीसरी पास, पद्म श्री हलधर नाग की कोसली कविताएँ बनी पीएचडी अनुसंधान का विषय!

By मानबी कटोच

66 वर्षीय हलधर नाग की कोसली भाषा की कविता पाँच विद्वानों के पीएचडी अनुसंधान का विषय भी है। इसके अलावा, संभलपुर विश्वविद्यालय इनके सभी लेखन कार्य को हलधर ग्रंथाबली -2 नामक एक पुस्तक के रूप में अपने पाठ्यक्रम।

कभी आर्थिक तंगी के चलते छूट गया था कॉलेज, आज कृषि के क्षेत्र में किये 140 से भी ज़्यादा आविष्कार!

असम से ताल्लुक रखने वाले और ‘सीरियल इनोवेटर’ के नाम से जाने जाने वाले उद्धब भराली को हाल ही में पद्म श्री से नवाज़ा गया है। उन्होंने कृषि के संबंधित बहुत-से जटिल कार्यों को आसान बनाने के लिए लगभग 140 से भी ज़्यादा इनोवेशन किये हैं।

अनार की आधुनिक खेती कर बदली लोगों की सोच, पद्म श्री विजेता है गुजरात का यह दिव्यांग किसान!

गुजरात के बनासकांठा जिले के सरकारी गोलिया गाँव के एक दिव्यांग किसान गेनाभई दर्गाभई पटेल को साल 2017 में पद्म श्री से नवाज़ा गया। गेनाभाई अनार की जैविक और आधुनिक खेती करके आज लाखों में कमा रहे हैं। इतना ही नहीं, उन्होंने और भी किसानों को आधुनिक खेती करने की प्रेरणा दी है।

डॉ. राजा रमन्ना : वह वैज्ञानिक जिनकी सोच और साहस का नतीजा था पोखरण का 'परमाणु परीक्षण'!

By सुकांत सुमन

28 जनवरी, 1925 को कर्नाटक के तुमकुर में जन्में डॉ. राजा रमन्ना ने डॉ. होमी भाभा के संरक्षण में उनकी परंपरा को आगे बढाया। डॉ रमन्ना टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर) जुड़े। 18 मई 1974 को, डॉ. रमन्ना ने भारत के पहले भूमिगत परमाणु बम विस्फोट को अंजाम देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।

सतपाल सिंह : जिन्होंने सुशील कुमार और योगेश्वर दत्त जैसे कुश्ती के धुरंधरों को विश्व चैंपियन बनाया!

By निशा डागर

कुश्ती के खेल में भारत का नाम रौशन करने वालों कि फ़ेहरिस्त 'महाबली' सतपाल सिंह का नाम भी शामिल होता है। सतपाल सिंह ने अपने करियर के दौरान 16 बार नेशनल चैंपियनशिप जीतीं और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी स्वर्ण, रजत और कांस्य पदक जीते। उन्हें पद्म श्री, पद्म भूषण, द्रोणाचार्य अवॉर्ड जैसे सम्मानों से भी नवाज़ा गया है।

कभी विवादों में रहा, तो कभी इस पर रोक लगायी गयी; जानिये 'भारत रत्न' का इतिहास!

By निशा डागर

'भारत रत्न' की स्थापना साल 2 जनवरी 1954 को तत्कालीन राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा की गयी थी। यह सम्मान कला, साहित्य, विज्ञान, सामाजिक सेवा के के साथ-साथ किसी भी क्षेत्र के व्यक्ति को उसके अभूतपूर्व युगदान और उपलब्धियों के लिए दिया जा सकता है। 

रांची : 50 सालों से हज़ारों मरीज़ों का केवल 5 रूपये में इलाज कर रहें हैं डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी

By कुमार विकास

रांची डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी उन चिकित्सकों में से एक है, जिन्होनें अपने पेशे के साथ-साथ सामाजिक कर्तव्य को आज भी ज़िन्दा रखा है।