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छुट्टी के दिन दिहाड़ी मज़दूरों के बच्चों को पढ़ाती है अंकिता, आज अंग्रेज़ी में अव्वल है ये बच्चे!

chattisgarh Girl रायपुर, की अंकिता जैन के प्रयासों पत्रकारिता की पढ़ाई की है और वर्तमान में एक सामाजिक संस्था के लिए काम करती हैंI

विजय सिंह 'पथिक': वह क्रांतिकारी पत्रकार, जिनके किसान आंदोलन के आगे झुक गये थे अंग्रेज़!

By निशा डागर

भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार, विजय सिंह 'पथिक' का जन्म उत्तर-प्रदेश के बुलंदशहर जिले में गुठावली कलाँ नामक गाँव में साल 1882 में 27 फरवरी को हुआ था। उन्होंने राजस्थान के लोगों में जनक्रांति लाकर, इसे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ा। साल 1954 में उनका निधन हुआ।

नेत्रहीन नागरिकों के लिए एक पहल, 'ब्रेल लिपि' में लिखा गया भारतीय संविधान!

By निशा डागर

साल 2018 में, संविधान दिवस के मौके पर भारत सरकार ने नेत्रहीन नागरिकों के लिए 'भारतीय संविधान' को ब्रेल लिपि में उपलब्ध करवाया गया है। 'ब्रेल लिपि' का अविष्कार साल 1821 में एक नेत्रहीन फ्रांसीसी लेखक लुई ब्रेल ने किया था। 4 जनवरी 1809 को जन्में लुई ने बचपन में एक दुर्घटना में अपनी आँखों की रोशनी खो दी थी।

वीडियो : कारगिल शहीद कप्तान हनीफ उद्दीन की माँ का आप सबके लिए सन्देश!

By निशा डागर

साल 1999 के कारगिल युद्ध में राजपुताना राइफल्स के कप्तान हनीफ उद्दीन ने अपने सैनिकों की रक्षा करते हुए खुद को देश के लिए कुर्बान कर दिया था। हाल ही में, एक पत्रकार और लेखिका रचना बिष्ट रावत ने हनीफ की माँ हेमा अज़ीज़ के साथ उनकी मुलाकात के बारे में एक फेसबुक पोस्ट साँझा की।

सखाराम गणेश देउस्कर: 'बंगाल का तिलक,' जिसकी किताब पर अंग्रेज़ों ने लगा दी थी पाबंदी!

By निशा डागर

देउस्कर ने बहुत सारे ऐसे लेख लिखे, जिनका उद्देश्य भारतीय जनता को अपने अतीत और वर्तमान का ज्ञान कराना था। सखाराम गणेश देउस्कर

मिलिए पत्रकार से किसान बने गिरीन्द्रनाथ झा से, जो अब अपने गाँव को नयी पहचान दे रहे है!

By मानबी कटोच

एक पत्रकार, एक लेखक, इन्टरनेट की दुनियां का एक जाना माना नाम आखिर क्यूँ एक किसान बन गया? ये कहानी है चनका, बिहार के लेखक किसान, गिरीन्द्रनाथ झा की।