गुजरात के मशहूर सासन गिर में एक भी पेड़ को नुकसान पहुंचाए बिना किसान धनजीभाई पटेल ने एक ऐसा रिसोर्ट बनाया है, जहां उनके परिवार वाले खुद मेहमानों को जैविक भोजन बनाकर खिलाते है।
महाराष्ट्र के पालघर जिले के छोटे से गांव ऐनशेत में रोहन सुधीर ठाकरे ने खेतों के बीचो-बीच एक फार्मस्टे (farmstay near mumbai) बनवाया है। यहां लोग खेतों में रहते हुए गांव के जीवन का मज़ा ले सकते हैं।
पुणे के आर्किटेक्ट दम्पति, सागर शिरुडे और युगा आखरे पर्यावरण ने प्राकृतिक और स्थानीय वस्तुओं से चार महीने में तैयार किया अपने लिए दो मंजिला मिट्टी का घर।
नागालैंड के दीमापुर के स्कूल में बच्चों को फिटनेस ट्रेनिंग देनेवाले असाखो चेस ने लॉकडाउन में मिले खाली समय में बनाया अपने सपनों का घर। मात्र 10×14 के क्षेत्र में बने इस घर को देखने के लिए दूर-दूर से आ रहे हैं लोग।
बेंगलुरु में इको फ्रेंडली घर में रहने वाले चोक्कलिंगम और उनका परिवार पिछले लगभग 14 सालों से अपनी जीवनशैली को प्रकृति के अनुकूल ढालने के लिए प्रयासरत हैं।
ओडिशा की स्वस्ति पटनायक ने अपने पिता की मदद से Fibre-Reinforced Plastic के किफायती और मजबूत पोर्टेबल घर बनाए हैं। मात्र तीन लाख रुपये में बना इनका 1BHK घर, भूकंप में भी रह सकता है सुरक्षित।
IIT हैदराबाद के पीएचडी स्कॉलर प्रियब्रत राउतराय और KIITS स्कूल ऑफ़ आर्किटेक्चर, भुवनेश्वर के शिक्षक, अविक रॉय ने मिलकर पराली से सस्टेनेबल 'बायो ब्रिक' बनाई है, जिसका इस्तेमाल घर बनाने में किया जा सकता है।