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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

इनका घर है 85 बेजुबानों का आशियाना, रोज 300 जानवरों का भरती हैं पेट

By प्रीति टौंक

नौ साल की उम्र से सुषमा सिंह कर रही हैं जानवरों को रेस्क्यू, घर को शेल्टर होम बनाकर बेजुबानों की सेवा में लगे उनके परिवार की कहानी आपको जरूर जाननी चाहिए।

Bhopal Gas Tragedy में लाखों ज़िंदगियां बचाने वाले गुमनाम नायक की कहानी

The Railway Men- कहानी है एक स्टेशन मास्टर गुलाम दस्तगीर की, जिनसे अपने और अपने परिवार की परवाह किए बिना भोपाल गैस त्रासदी के समय हजारों लोगों की जान बचाई।

10 साल की ईहा ने अकेले लगाए 20 हजार पौधे

By प्रीति टौंक

चार साल की उम्र में नीबू का एक पेड़ लगाने के बाद पौधों से ऐसा प्यार हुआ कि 10 साल की ईहा दीक्षित ने International Young Eco Award सहित 167 अवॉर्ड जीत लिए।

IRS बनने के बावजूद, नौकरी छोड़ देते हैं Free UPSC Coaching

दस सालों तक सिविल सर्विस करने के बाद रवि कपूर ने नौकरी छोड़कर UPSC Aspirants को परीक्षा की तैयारी में मदद करना शुरू किया और वो भी बिना किसी फीस के! आज वह लाखों बच्चों को UPSC परीक्षा के जुड़े टिप्स दे चुके हैं।

ICU में भी ड्राइंग करती थीं मानसी, अपने हुनर से हराया हर मुश्किल को

By प्रीति टौंक

अहमदाबाद की मानसी सदिरा ऑनलाइन एक से बढ़कर एक ड्राइंग और स्कैच बनाकर बेचती हैं। उनकी कला देखकर कोई विश्वास नहीं करेगा कि वह सांस लेने के लिए भी एक मशीन पर निर्भर हैं।

कभी कमज़ोर अंग्रेजी के चलते जिसका उड़ता था मज़ाक, छोटे से गाँव की वह लड़की बनी IAS टॉपर

IAS सुरभि गौतम का सफर एक मिसाल है, कि अगर खुद पर भरोसा हो तो किसी भी कमजोरी को हराकर बड़े से बड़ा मुकाम हासिल किया जा सकता है।

इस गांव में सभी हैं Youtubers, कलेक्टर की मदद से खुला स्टूडियो भी 

By प्रीति टौंक

न सरकारी नौकरी का लालच, न किसी फैंसी प्राइवेट जॉब का शौक़, छत्तीसगढ़ के इस गांव में हर कोई तकनीक और सोशल मीडिया के दम पर बन रहा है आत्मनिर्भर। सबसे अच्छी बात तो यह है कि इस काम में स्थानीय प्रशासन भी दे रहा है इनका साथ।

पिता 25 साल से लगा रहे चाट-पकौड़ी का ठेला, बेटी मेहनत के दमपर UPSC में AIR 93 लाकर बनी IAS

"इंसान को पुराने दिनों को कभी भी नहीं भूलना चाहिए। ये जीवन में बेहतर करने की प्रेरणा देते हैं," ऐसा मानना है IAS Dipesh Kumari के पिता गोविंद प्रसाद का; जिन्होंने 25 सालों तक चाय-पकौड़े का ठेला लगाकर गुज़ारा किया, लेकिन बच्चों की शिक्षा में कोई कमी नहीं आने दी।