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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

खुद सातवीं के बाद नहीं जा पाए थे स्कूल, अब 6500 बच्चों को शिक्षित कर रहें मामून

By प्रीति टौंक

कभी खुद आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ने वाले मामून, आज 6500 बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की लौ जला रहे हैं।

38 सालों से लोगों के बेकार सामान को बना रहे जरूरतमंदों की मुस्कान

By प्रीति टौंक

पिछले 38 साल से ओडिशा के जरूरतमंदों तक कपड़ें, खिलौने और कम्बल जैसी बुनियादी चीजें पहुंचाकर उनका जीवन आसान बनाने में लगे हैं गगन पेटल।

पति हुए बीमार तो पत्नी ने उठाए औज़ार, मैकेनिक बनकर चला रही परिवार

By प्रीति टौंक

एक माँ अपने बच्चों के लिए क्या-क्या कर सकती है, इसका सच्चा उदाहरण देखना हो, तो जरूर मिलिए गाज़ियाबाद की बाइक मैकेनिक पूनम देवी से!

खुद के खर्च पर गौशाला बनाकर कर रहीं 55 घायल गोवंशों की सेवा

By प्रीति टौंक

दूध देने वाली गाय की सेवा तो सब करते हैं लेकिन 29 साल की जैसमीन मलिक खुद के खर्च पर बुढ़ी और घायल गायों और नंदी के लिए एक विशेष गौशाला चलाती हैं।

22 सालों से खुद के खर्च पर अर्पण कर रहे सैकड़ों बेसहारों की सेवा

By प्रीति टौंक

भागदौड़ से भरी जिंदगी में जहां लोग अपनों के लिए भी वक्त मुश्किल से निकाल पाते हैं। वहां पश्चिम बंगाल के अर्पण बनर्जी ने अपनी पूरी जिंदगी दुसरों के नाम कर दी है, वह पिछले 22 सालों से अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा बेसहारा लोगों की जिंदगी को बेहतर करने में और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में लगा रहे हैं।

एक टिफिन से 150 ज़रूरतमंद बच्चों की जिम्मेदारी उठाने तक

By प्रीति टौंक

कोलकाता की गीता राउत TEARS (To Educate And Regain Smile) नाम से एक NGO चलाती हैं, जिसका मकसद उन बच्चों की रोशनी बनना है जिनके जीवन में न शिक्षा की लौ है, न परिवार का प्यार।

इनका घर है 85 बेजुबानों का आशियाना, रोज 300 जानवरों का भरती हैं पेट

By प्रीति टौंक

नौ साल की उम्र से सुषमा सिंह कर रही हैं जानवरों को रेस्क्यू, घर को शेल्टर होम बनाकर बेजुबानों की सेवा में लगे उनके परिवार की कहानी आपको जरूर जाननी चाहिए।

Bhopal Gas Tragedy में लाखों ज़िंदगियां बचाने वाले गुमनाम नायक की कहानी

The Railway Men- कहानी है एक स्टेशन मास्टर गुलाम दस्तगीर की, जिनसे अपने और अपने परिवार की परवाह किए बिना भोपाल गैस त्रासदी के समय हजारों लोगों की जान बचाई।

10 साल की ईहा ने अकेले लगाए 20 हजार पौधे

By प्रीति टौंक

चार साल की उम्र में नीबू का एक पेड़ लगाने के बाद पौधों से ऐसा प्यार हुआ कि 10 साल की ईहा दीक्षित ने International Young Eco Award सहित 167 अवॉर्ड जीत लिए।

IRS बनने के बावजूद, नौकरी छोड़ देते हैं Free UPSC Coaching

दस सालों तक सिविल सर्विस करने के बाद रवि कपूर ने नौकरी छोड़कर UPSC Aspirants को परीक्षा की तैयारी में मदद करना शुरू किया और वो भी बिना किसी फीस के! आज वह लाखों बच्चों को UPSC परीक्षा के जुड़े टिप्स दे चुके हैं।