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अनमोल इंडियंस

Inspiring Indians Stories To Motivate From India. \ भारत के उन प्रेरक नायक नायिकाओं की कहानियां, जो अपने काम से भारत को बेहतर से बेहतरीन बनाने में जुटे हैं!

"लोग मुझे 'क्वीन ऑफ मिलेट' बुलाते हैं, मुझे बहुत ख़ुशी होती है" 

By प्रीति टौंक

ओडिशा के कोरापुट जिले की रहने वाली रायमती घुरिया ने अब तक मिलेट की 30 से अधिक किस्मों को संरक्षित किया है। सातवीं पास रायमती का कृषि और बीज संरक्षण के प्रति लगाव आज उनकी पहचान बन गया है।

जरूरतमंदों का मुफ्त इलाज करने वाले पद्मश्री डॉक्टर, 160 किमी यात्रा करके पहुंचते हैं मरीजों तक

By प्रीति टौंक

70 साल के डॉ अरुणोदय मंडल जब 160 किमी का सफर तय करके सुंदरबन पहुंचते हैं, तब मरीजों के चेहरों पर मुस्कान आ जाती है, क्योंकि यहां आने वाले वह इकलौते डॉक्टर हैं। डॉ. मंडल पिछले 23 सालों इसी तरह हर हफ्ते मरीजों को मुफ्त इलाज देकर सेवाभाव की मिसाल कायम रहे हैं।

IAS की पहल से झारखंड का कुपोषण वाला जिला बना देश का रागी कैपिटल

By प्रीति टौंक

कभी गुमनाम था झारखंड का गुमला जिला, लेकिन आज इसकी पहचान देश के रागी कैपिटल के तौर पर होती है, यही नहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इसे सम्मानित किया है। रागी के उत्पादन से जहां एक तरफ महिलाएं आत्मनिर्भर हुई हैं, वहीं जिले का भी विकास हुआ है।

मैं फ्री लाइब्रेरी चलाती हूँ ताकि बच्चों को किताबों और रोटी के बीच न चुनना पड़े 

By प्रीति टौंक

असम की ऋतूपूर्णा नेओग अपनी संस्था Akam Foundation के जरिए उन गांवों में फ्री लाइब्रेरी बना रही हैं, जहां के बच्चों को आज भी किताबों और रोटी के बीच में किसी एक चुनना पड़ रहा है।

खुद सातवीं के बाद नहीं जा पाए थे स्कूल, अब 6500 बच्चों को शिक्षित कर रहें मामून

By प्रीति टौंक

कभी खुद आर्थिक तंगी के कारण पढ़ाई छोड़ने वाले मामून, आज 6500 बच्चों की जिंदगी में शिक्षा की लौ जला रहे हैं।

38 सालों से लोगों के बेकार सामान को बना रहे जरूरतमंदों की मुस्कान

By प्रीति टौंक

पिछले 38 साल से ओडिशा के जरूरतमंदों तक कपड़ें, खिलौने और कम्बल जैसी बुनियादी चीजें पहुंचाकर उनका जीवन आसान बनाने में लगे हैं गगन पेटल।

पति हुए बीमार तो पत्नी ने उठाए औज़ार, मैकेनिक बनकर चला रही परिवार

By प्रीति टौंक

एक माँ अपने बच्चों के लिए क्या-क्या कर सकती है, इसका सच्चा उदाहरण देखना हो, तो जरूर मिलिए गाज़ियाबाद की बाइक मैकेनिक पूनम देवी से!

खुद के खर्च पर गौशाला बनाकर कर रहीं 55 घायल गोवंशों की सेवा

By प्रीति टौंक

दूध देने वाली गाय की सेवा तो सब करते हैं लेकिन 29 साल की जैसमीन मलिक खुद के खर्च पर बुढ़ी और घायल गायों और नंदी के लिए एक विशेष गौशाला चलाती हैं।

22 सालों से खुद के खर्च पर अर्पण कर रहे सैकड़ों बेसहारों की सेवा

By प्रीति टौंक

भागदौड़ से भरी जिंदगी में जहां लोग अपनों के लिए भी वक्त मुश्किल से निकाल पाते हैं। वहां पश्चिम बंगाल के अर्पण बनर्जी ने अपनी पूरी जिंदगी दुसरों के नाम कर दी है, वह पिछले 22 सालों से अपनी कमाई का एक बड़ा हिस्सा बेसहारा लोगों की जिंदगी को बेहतर करने में और उनके चेहरे पर मुस्कान लाने में लगा रहे हैं।

एक टिफिन से 150 ज़रूरतमंद बच्चों की जिम्मेदारी उठाने तक

By प्रीति टौंक

कोलकाता की गीता राउत TEARS (To Educate And Regain Smile) नाम से एक NGO चलाती हैं, जिसका मकसद उन बच्चों की रोशनी बनना है जिनके जीवन में न शिक्षा की लौ है, न परिवार का प्यार।